कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में अतिथि विद्वानों (guest scholars) का बीते 76 दिनों से प्रदेशस्तरीय आंदोलन जारी है. फूलबाग चौराहे पर उन्होंने भेलपुरी बेची. उनका कहना है कि घर चलाने के लिए कुछ काम तो करना होगा. सरकार से उनके नियमतिकरण सहित अन्य मांगों को पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं. ऐसे में यदि उनकी मांगों पर सरकार विचार नहीं करेगी, तो 2023 विधानसभा चुनाव में अतिथि विद्वान खुलकर विरोध करेंगे.

ग्वालियर के फूलबाग चौराहे पर प्रदेशभर से आए अतिथि विद्वान (guest scholars) बीते 76 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. घर का गुजारा करने और सरकार उनके नियमितीकरण सहित अन्य मांगों पर ध्यान दें. इसको लेकर अतिथि विद्वानों ने फूलबाग चौराहे पर भेलपुरी बेची. प्रदर्शन कर रहे विद्वानों का कहना है कि वह नेट स्लेट पीएचडी धारक होने के बावजूद आज भेलपुरी बेचने के लिए मजबूर है, क्योंकि आंदोलन करने के चलते उनके घर की माली हालत भी खराब होने लगी है. ऐसे में भेलपुरी बेचने मजबूर है.

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उनका यह भी कहना है कि कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार के वक्त BJP ने वादा किया गया था कि सरकार में आते ही सभी अतिथि विद्वानों को नियमित करने के साथ उनकी अन्य मांगों को पूरा किया जाएगा, लेकिन सरकार बनने के बाद अब उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते वह आंदोलन करने के लिए मजबूर है.

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अतिथि विद्वानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि कांग्रेस हो या बीजेपी कोई भी उन्हें वोट बैंक ना समझे. यदि वह सरकार बनवा सकते हैं तो सरकार के खिलाफ भी जा सकते हैं. ऐसे में यदि उनकी मांगों पर सरकार विचार नहीं करेगी, तो 2023 विधानसभा चुनाव में अतिथि विद्वान खुलकर विरोध करेंगे.

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