सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किसानों के हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त लगभग 200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस की घोषणा करने से इस बार रवि विपणन वर्ष 2025-26 में लगभग 9 लाख किसानों से 77 लाख 75 हजार मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया है। जो पिछले वर्ष की तुलना में 30 लाख मीट्रिक टन अधिक गेहूं की खरीदी उपार्जन के माध्यम से की गई है जो बीते साल की तुलना में 62 फीसदी अधिक है। बता दें कि पंजाब के बाद देश में गेहूं उपार्जन में मध्यप्रदेश का दूसरा स्थान है। गेहूं के रिकार्ड उपार्जन पर खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के बाद 2600 रूपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने के कारण किसानों ने सबसे ज्यादा व्यापारियों की जगह उपार्जन केन्द्रों में गेहूं बेचा। बोनस की घोषणा से गेहूं उपार्जन के कार्य में प्राप्त इस बड़ी उपलब्धि पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने इंदौर में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में किसानों के हित में मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा दिये गये बोनस और उसके बाद हुए रिकार्ड गेहूं उपार्जन पर उनका अभिनंदन कर आभार व्यक्त करने के साथ लोकहित में कार्य करने के लिए लोकमाता की प्रतिमा भेंट की। उन्होंने बताया कि गेहूं के उपार्जन में पंजाब के बाद मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है।

किसानों की आर्थिक समृ‌द्धि के साथ महिला सशक्तिकरण 

खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि गेहूं खरीद पर इस वर्ष लगभग 20 हजार करोड़ का भुगतान किसानों को किया गया है। इसके साथ ही समय पर किसानों को उपार्जित फसल का भुगतान करने से पूरे प्रदेश में किसानों के बीच खुशी का माहौल व्याप्त है। प्रदेश सरकार ने किसानों की आर्थिक समृ‌द्धि के साथ महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 1 लाख 25 हजार महिला किसानों से गेहूँ खरीदी का कार्य किया है। खाद्य, मंत्री ने बताया कि बड़े हर्ष का विषय है कि हमारा प्रदेश देश में पंजाब के बाद गेहूं खरीदने में दूसरे स्थान पर है।

95 फीसदी से अधिक उपार्जित गेहूँ का भंडारण 

प्रदेश की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का अभिनंदन करते हुये खाद्य, मंत्री  गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि इस बार किसानों की सुविधा के लिये उपार्जन केन्द्र में भी बढ़ोत्तरी की गई थी। इसके अलावा समय पर परिवहन करने से 95 फीसदी से अधिक उपार्जित गेहूं का भंडारण किया जा चुका है। यह भी एक बड़ी उपलब्धि है। जबकि पहले पानी गिरने से गेहूं की खराबी की समस्या ज्यादा आती थी। मंत्री राजपूत ने कहा कि पहली बार किसानों को गेहूं उपार्जन का भुगतान 4 से 5 दिन में कर दिया गया इससे प्रदेश के किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की एक नई राह खुल गई।

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