मनीष मारू, आगर मालवा। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए भले ही तमाम तरह के दावे कर रही हो लेकिन धरातल पर सरकार के दावे फिसड्डी ही साबित हो रहे हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलती हुई कुछ इसी प्रकार की स्थिति आगर मालवा के जिला अस्पताल में देखने को मिली. यहां इतनी लचर व्यवस्था दिखाई दी कि अस्पताल में गंभीर अवस्था में आई एक प्रसूता के ऑपरेशन के लिए बाहर से निजी चिकित्सकों को बुलाकर करवाया गया.

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जानकारी के अनुसार, नलखेड़ा के ग्राम तांखला की रहने वाली भूरी बाई प्रसूता का ऑपरेशन करना जब जिला अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों से ना हो सका तो मजबूरीवश जिला अस्पताल प्रबंधन को महिला के उपचार के लिए बाहर से निजी चिकित्सकों को बुलाना पड़ा. महिला का ऑपरेशन जिला अस्पताल में बाहर से बुलाए गए चिकित्सकों ने किया. जिला अस्पताल की इस दयनीय स्थिति को देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बीच किस तरह मरीजों को अपनी जान जोखिम में डालकर जिला अस्पताल में उपचार करवाना पड़ रहा है.

स्त्री रोग विशेषज्ञ होने पर भी बाहर के चिकित्सकों बुलाया गया

बता दें कि वर्तमान में जिला अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ पदस्थ है. उसके बावजूद जिला अस्पताल प्रबंधन ने बाहर से महिला चिकित्सकों को बुलाकर प्रसूता का ऑपरेशन करवाया. सबसे बड़ी बात यह है कि जिला अस्पताल में पदस्थ आरएमओ डॉ शशांक सक्सेना की पत्नी डॉ. अपर्णा सक्सेना जो कि निजी अस्पताल संचालित करती है उनको यहां महिला के ऑपरेशन में सहयोग के लिए बुलाया गया था.  इसके अलावा जनरल सर्जन डॉ. ईश्वर को भी ऑपरेशन के लिए बुलाया गया.  महिला रोग विशेषज्ञ होने के बाद भी बाहर ने निजी डॉक्टरों को बुलाने पर अस्पताल के अन्य स्टाफ भी हैरान है.

 चिकित्सकों के बीच लड़ाई के बाद से अस्पताल की खराब हो रही स्थिति 

बताया जा रहा है कि 5 माह पहले जिला अस्पताल में प्रसूता महिलाओं के ऑपरेशन भी होते थे, लेकिन आरएमओ डॉ शशांक सक्सेना और स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ रोहित चौधरी के बीच विवाद होने के बाद से अस्पताल में ऑपरेशन होना बंद हो गया. प्रसूता महिला का कोई गंभीर केस आता है तो रेफर कर दिया जाता है. यह भी बता दें कि कुछ दिन पहले एक मरीज का इलाज करने की बात को लेकर महिला चिकित्सक डॉ खुशबू सोनी और डॉ रोहित चौधरी के बीच भी विवाद हो गया था, जिसके बाद डॉ खुशबु सोनी ने डॉ चौधरी के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी. उसके बाद से ही डॉ चौधरी अवकाश पर चले गए हैं.

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