सुनील जोशी,अलीराजपुर। बेटा ही कुल का दीपक होता है और बेटे के बिना चिता को मुखाग्नि कौन देगा. यह बातें अब बीते जमाने की होती जा रही हैं. सरकार के अथक प्रयास बेटी है, तो कल है. बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा सार्थक होता दिख रहा है. जिसके परिणाम भी देखे जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला अलीराजपुर जिले के जोबट में देखने को मिला, जहां एक बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी.
MP Politics: विदेश से कोयला आयात पर चढ़ा सियासी पारा कोयले को लेकर यात्रा निकालेगी कांग्रेस
पुरानी रूढ़ियों और परंपराएं को तोड़कर बेटी ने अपने पिता की चिता को न केवल मुखाग्नि दी, बल्कि अंतिम संस्कार की हर वो रस्में निभाई. जिसकी कल्पना कभी एक पुत्र से की जाती रही है. जिस पिता का हाथ पकड़कर चलना सीखा, लाड़ प्यार से पाला, बड़ा किया, अपने पैरों पर खड़ा किया. उसी पिता अरुण कुमार जैन की अर्थी को बेटी पलक ने कंधा देकर विदा किया.
मूलता मद्रास के रहने वाले 59 वर्षीय अरुण कुमार जैन पिछले कई सालों से जोबट में ही रह रहे थे. अरूण के साथ उनकी पत्नी और बेटी रहती थी. पान की दुकान चलाते थे. जिससे घर का खर्च चलता था. लेकिन शुक्रवार को अचानक उनको हार्ट अटैक आ गया. जिससे उनकी मौत हो गई. पुत्र नहीं होने से बेटी ने अंतिम संस्कार की सारी रस्में निभाई. जिसे देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गईं.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक