न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। कहते हैं काम के बदले सिर्फ पैसा ही नहीं प्यार भी मिलता है। ऐसा ही कुछ अनूपपुर जिले के एक कन्या छत्रावास में देखने को मिला। यहां वार्डन के ट्रांसफर होने पर पूरा हॉस्टल रो पड़ा। बच्चों ने वार्डन के गले लगकर फूट-फूटकर रोईं। कोई वार्डन के गले से लिपट कर बेजार होकर रो रही थी, तो कोई रास्ता रोके खड़ी थी, इतना ही नहीं कुछ छात्राएं तो रो-रोकर बेहोश हो गई। जिनको 108 एंबुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैतहरी में भर्ती कराया गया। वहीं इस दौरान वार्डन भी अपने आंसू नहीं रोक पाईं। वह भी रोने लगीं।
वार्डन और बच्चों के अटूट प्रेम की दास्तां अनूपपुर जिले के अनूपपुर जैतहरी विकास खंड अंतर्गत ग्राम चौरभट्टी में स्थित बालिका छात्रावास की है। वार्डन मीरा का तबादला होने पर छात्रावास में रह रही छात्राएं फूट-फूटकर रोईं।
छात्राओं का कहना है कि मीरा मैम हमको अपने बच्चे के जैसे ख्याल रखती थीं और अच्छे से पढ़ाती भी हैं। वहीं इनकी जगह पर वार्डन लीला राठौर मैडम आ रही हैं। वह सही नहीं है और बच्चों पर अत्याचार करती हैं। पढ़ाती भी नहीं है। इसलिए हमें कोई और वार्डन नहीं चाहिए। हमारी पुरानी मैडम को ही रहने दिया जाए।
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