न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय कार्य परिषद सदस्य नरेंद्र सिंह मरावी ने गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने विश्वविद्यालय में जबरन धर्मांतरण कराए जाने, गांजा अफीम चरस जैसे नशे की सामग्री छात्रों को परोसने, जनजाति समुदाय के छात्रों का अपमान कर उनके साथ आपराधिक कृत्य करने और घोटाले का आरोप लगाते हुए एसपी को ज्ञापन सौंप है। साथ ही तत्काल एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की है । उन्होंने लंबित सभी मामलों में आरोपी प्रोफेसर भूमिनाथ और संबंधित अन्य आरोपियों पर तत्काल एफआई आर दर्ज कर आरोपी प्रोफेसरों को गिरफ्तार करने की भी मांग की है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं की गई तो वो एक बड़ा आंदोलन करेंगे।

नरेंद्र सिंह मरावी ने ज्ञापन में उल्लेखित किया है कि विश्वविद्यालय के कुछ लोग अमरकंटक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और जबरन धर्मांतरण करा रहे हैं। इसका एक उदाहरण बलराम बैगा है जो विश्व हिंदू परिषद तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का पदाधिकारी भी रहा है। ऐसे योग्य जनजाति छात्र को धर्मांतरण नहीं करने पर पढ़ाई से वंचित कर देना पूरे मध्यप्रदेश के जनजातियों का अपमान है। इस मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज कर आरोपी प्रोफेसर भूमिनाथ की गिरफ्तारी नहीं की गई तो एक सप्ताह के अंदर विशाल जन आंदोलन किया जाएगा।

नरेंद्र मरावी ने बताया कि विश्वविद्यालय में हजारों की संख्या में मुस्लिम और ईसाई छात्र केरल के बॉर्डर इलाके से तथा पाकिस्तान के बॉर्डर इलाके से आ रहे हैं। बाकी कहीं से इतनी बड़ी संख्या में छात्रों का प्रवेश नहीं हो रहा है। इसका सीधा अर्थ है कि अमरकंटक की धरती पर कोई बहुत बड़ी साजिश चल रही है, जिसके कर्ता-धर्ता विश्वविद्यालय में मौजूद हैं। कुलपति स्वयं संरक्षण कर रहे हैं। संवैधानिक पदों पर गलत कार्य करने वालों को बैठाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि धर्मांतरण और नशाखोरी नियंत्रण से बाहर होने की स्थिति में मेरे हस्तक्षेप करने के बाद परीक्षा के समय ही छात्रों को भगाकर छात्रावास खाली कराया जाना अपने आप में जांच का विषय है। विश्वविद्यालय में नशाखोरी और धर्मांतरण चरम सीमा पर है। हिंदू देवी-देवताओं के भजन कीर्तन पर अश्लील नृत्य करके हिंदू धर्म को लगातार अपमानित करने का कार्य विश्वविद्यालय में करवाया जा रहा है।

लापरवाह अधिकारियों पर जुर्माना

अनूपपुर जिले में कलेक्टर ने 11 लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की है। CM हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण नहीं करने से कलेक्टर सोनिया मीना ने अधिकारियों पर जुर्माना लगाया है। इस कार्रवाई से अधिकारियों में खलबली मच गई है।

सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर शिकायतों के नॉट अटेण्ड पाए जाने पर कलेक्टर सोनिया मीना ने जिले के विभिन्न विभागों के 11 अधिकारियों पर 3600 रुपए का जुर्माना लगाया है।

सहकारिता विभाग के सांख्यिकीय अधिकारी बालकरण तिवारी पर 03 प्रकरणों में 600 रुपए, जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी पर 200 रुपए तथा 3 प्रकरणों में 600 रुपए, तहसीलदार कोतमा ईश्वर प्रधान पर 02 प्रकरणों में 400 रुपए, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री जगमोहन दास माझी पर 2 प्रकरणों में 400 रुपए, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोतमा मायाराम कोल पर एक प्रकरण में 200 रुपए, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के बीएमओ कोतमा डॉ. केएल दीवान पर 01 प्रकरण में 200 रुपए, पीडब्ल्यूडी के अनुविभागीय अधिकारी बीडी माझी पर 01 प्रकरण में 200 रुपए, जनपद पंचायत अनूपपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ऊषा किरण गुप्ता पर 01 प्रकरण में 200 रुपए, ऊर्जा विभाग के कनिष्ठ अभियंता अमरकंटक विवेक चौहान पर 02 प्रकरणों में 200 रुपए और ऊर्जा विभाग के ही राजेन्द्रग्राम कनिष्ठ अभियंता लखन सोनी पर 01 प्रकरण में 200 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। 12 मई 2022 तक अधिरोपित जुर्माना राशि अनिवार्य रूप से जिला रेडक्रास सोसायटी अनूपपुर के खाते में जमा करने को कहा गया है।

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