न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। मध्यप्रदेश का एक अनूठा शासकीय महाविद्यालय जो महज 30 फुट के एक कमरे में संचालित है। इस कमरे के आधे हिस्से में महाविद्यालय का कार्यालय, स्टाफ रूम और अध्ययन कक्ष भी है। इस महाविद्यालय की शुरुआत 06 वर्ष पहले हुई थी, लेकिन आज भी विकास की बाट जोह रहा है।

सरकार के शिक्षण व्यवस्था की पोल खोल रहा यह शासकीय महाविद्यालय अनूपपुर जिले के कोयलांचल क्षेत्र राजनगर में स्थित है। यहां कला संकाय की शिक्षा दी जा रही है। इस महाविद्यालय की शुरुआत जिले के अंतिम छोर पर स्थित छात्र छात्राओं की शिक्षण संबंधित समस्याओं को ध्यान में रखते हुए की गई थी।

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इस कॉलेज की नींव पूर्व की बीजेपी सरकार के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह और मौजूदा सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री ने रखी थी, तब कहा गया था कि एक साल बाद नवीन भवन कॉलेज के लिए बना दिया जाएगा, लेकिन आज 06 साल बीत जाने के बाद भी इस महाविद्यालय को नवीन भवन नहीं मिल पाया है।

जब लोगों ने आवाज उठाई तो उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में बालक शिक्षा परिसर के जर्जर कमरे जिनमें कबाड़ रखा हुआ था, दे दिया गया। यह शासकीय महाविद्यालय इसी एक कमरे तक सिमटा हुआ है। जहां बी.ए. प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और अंतिम वर्ष की कक्षाएं संचालित है और यहां करीब 108 बच्चे पढ़ाई कर रहे है।

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राजनगर स्थित इस शासकीय महाविद्यालय मे ग्रंथालय और इसके शिक्षक भी है, लेकिन ग्रंथालय एक अलमारी तक ही सीमित है। वह भी एक कोने में है। इसी कमरे में महाविद्यालय का स्टाफ रूम भी है। यहां अध्ययन करने वाले छात्राओं का कहना है कि कॉलेज में किसी भी प्रकार की न कोई व्यवस्था है न तो किताबें मिलती है और न ही शौचालय में पानी की सुविधा है, फिर भी बच्चे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है।

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