न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। भले ही सरकार प्रदेश में एक छोर से दूसरे तक विकास और योजनाओं का लाभ पहुंचाने का लाख दाव करती हो, लेकिन अनूपपुर जिले से आई तस्वीर उन्हें खोखले ही साबित कर रही है। यहां एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर लेने पहुंची 108 एम्बुलेंस सड़क नहीं होने पर गांव तक नहीं पहुंच सकी। जिससे परिजन और 108 कर्मचारियों ने गर्भवती को स्पाइन बोर्ड पर लिटाकर दो किलो मीटर तक पैदल लेकर एम्बुलेंस तक पहुंचे। इसके बाद गर्भवती को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। अनूपपुर से इस तरह के पहले भी मामले सामने आ चुके हैं।
आदिवासी बाहुल्य जिला अनूपपुर जिले के सुदूर इलाकों में आज भी लोगों को आज भी सड़क नशीब नहीं है। ऐसा ही एक मामला जिले के ग्राम ददराटोला से सामने आया है। दरअसल, यहां रहने वाली गर्भवती महिला सूरजबती को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद परिजनों ने 108 को फोन किया। लेकिन सड़क नहीं होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। गांव से दो किलोमीटर पहले ही मेन रोड में एंबुलेंस खड़ी कर 108 कर्मी महिला के घर पहुंचे और किसी तरह उसे एंबुलेंस तक लाए।
एंबुलेंस स्टाफ ईएमटी हेमंत और पायलेट आशीष सोनी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए महिला को स्पाइन बोर्ड पर एंबुलेंस तक लाये और बेनीबरी अस्पताल में भर्ती कराया। जिसके बाद महिला ने लक्ष्मी के रूप में बच्ची को जन्म दिया। दोनों ही सुरक्षित बताए जा रहे हैं। वहीं 108 एम्बुलेंस कर्मियों के इस कार्य की हर ओर सरहाना हो रही।
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