न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के कोतमा थाना क्षेत्र में एसटी-एससी एक्ट के तहत केस दर्ज होने से आहत पुजारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। परिजनों ने पुलिस पर एक लाख रुपए मांगने के आरोप लगाए। मामले में एसपी जितेंद्र पवार ने गुरुवार को थाना प्रभारी अजय बैगा को लाइन अटैच किया था। आज सस्पेंड कर दिया है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, घटना खोड़री नंबर 1 की है। यहां निवासी 50 वर्षीय पुजारी रामेश्वर पांडेय के खिलाफ सुशीला रैदास नाम की महिला ने 30 मई को कोतमा थाने में मारपीट कर जातिगत अपशब्दों का प्रयोग किए जाने की शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसके बाद पुलिस ने बुधवार-गुरूवार की रात लगभग 1 बजे पुजारी रामेश्वर पांडेय को घर से उठाकर थाना ले आई थी। पुलिस ने पुजारी को रात भर थाने में बंद कर रखा था।
आरोप है कि पुलिस ने रामेश्वर पांडेय के मोबाइल से उसके परिजनों को फोन कर मामला दर्ज न करने के एवज में 1 लाख की मांग की गई थी। रुपये नहीं देने पर पुलिस ने पुजारी रामेश्वर पांडेय के खिलाफ धारा 294, 323, 506, एवं 3 (1) द, 3(1) घ, 3(2) (VA) एसटीएससी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर 24 घंटे के बाद मुचालका जमानत पर छोड़ा था। जिसके बाद आत्मग्लानि से 1 जून की सुबह रामेश्वर पांडेय ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया।
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