मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार को अशोकनगर जिले में केवट, कुशवाह और रघुवंशी समाज के सम्मेलनों में हिस्सा लिया। कुशवाह समाज के सम्मेलन को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने की वजह बताई। सिंधिया ने कहा कि 21वीं सदी में आत्मसम्मान के साथ समझौता नहीं किया जा सकता।
कुशवाह समाज का वर्णन महाभारत काल में- सिंधिया
सम्मेलन को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कुशवाह समाज का वर्णन महाभारत काल में भी है। साथ ही सिंधिया ने अपने नाम के ज्योति शब्द को ज्योतिबा फुले से जोड़कर बताया। सिंधिया ने कहा कि कार्यक्रम में महापुरुषों की तस्वीरें नहीं लगी हैं। ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले आदि महापुरुषों की तस्वीरें लगाई जानी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी को उनके पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा मिल सके। सिंधिया ने कहा कि मैं हमेशा कुशवाह समाज के साथ आखिरी सांस तक खड़ा रहूंगा।
वहीं गुना रोड पर एक निजी मैरिज गार्डन में आयोजित रघुवंशी समाज के कार्यक्रम में भी सिंधिया शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपके समाज के एक व्यक्ति को रणभूमि में उतारा था। सिंधिया परिवार कभी भी किसी को रणभूमि में अकेला नहीं छोड़ता है। वर्तमान में लोग आगे से मीठे और पीछे से छुरी लिए रहते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने ओवरब्रिज बनवाया तो मैंने अंडरब्रिज बनाकर दिया। अशोकनगर में एक ट्रेन नहीं आती थी, मैंने ट्रेनों की झड़ी लगा दी। अशोकनगर में ट्रामा सेंटर बनवा दिया, सड़कों का जाल बिछा दिया। सड़कों की हालत पहले क्या थी, आप सबको पता है। गुना से अशोकनगर आने में तीन घंटा लगते थे, इसके पहले सिंधिया ने ईसागढ़ में केवट समाज के सम्मेलन में भाग लिया।
दिग्विजय सिंह पर कसा तंज
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पत्रकारों से चर्चा भी की। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आपके के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी है, इस पर सिंधिया ने कहा कि दिग्विजय सिंह जी का हर चीज के लिए स्वागत है। मैंने दिग्विजय सिंह जी के कुछ भी कथन पर दोबारा कुछ नहीं कहा है, चूंकि उनके जो कथन होते हैं उनसे आप और हम अच्छी तरह वाकिफ हैं।
सिधिंया ने कहा कि जब दिग्विजय सिंह की सरकार थी उस समय का दौर सबको पता है क्या हाल था। 2003 से पहले मध्य प्रदेश का हाल बेहाल था। बीमारू राज्य में गिनती होती थी। सड़के नहीं थी। गड्ढों में सड़कें ढूंढनी पड़ती थी। बच्चों को लालटेन के प्रकाश से पढ़ाई करने के लिए मजबूर होना पड़ता था। क्या आप और हम वैसा ही मध्य प्रदेश दोबारा से स्थापित करना चाहते हैं। अगर नहीं तो आइए जुड़िए हमसे और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से, जिन्होंने देश में ही नहीं बल्कि विश्व में भी भारत का नाम स्थापित किया है।
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