मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के देहात थाना क्षेत्र से बाप-बेटी के रिश्ते को कलंकित कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां नाबालिग बेटी के बच्चे का पिता उसी का सौतेला बाप निकला। मामले के खुलासे के बाद परिजनों के साथ पुलिस के भी होश उड़ गए। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कोई शख्स अपनी हवस के लिए इतना निचे गिर सकता है कि रिश्ते में अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म की इस शर्मनाक घटना को अंजाम दे सकता है। नाबालिग बेटी के बयान से इस सच का खुलासा हुआ। जिसके बाद आरोपी पिता ने भी अपना जुर्म कबूला है। इसके बाद कलयुगी पिता को जेल भेज दिया गया है। 

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दरअसल 2 साल पहले मनकपुर निवासी जसवंत कुशवाहा ने देहात थाने में अपनी बेटी के गुमशुदा होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद कुछ ही महीनों में पुलिस ने नाबालिग के साथ दिनेश कुशवाहा को गिरफ्तार किया था। जो उसे बहला फुसला कर अपने साथ ले गया था। नाबालिग पीड़िता के बयान के आधार पर दिनेश को जेल भेज दिया गया था। जिस समय नाबालिग किशोरी को पुलिस ने बरामद किया था, उस समय वह गर्भवती थी।  इसके बाद दिनेश कुशवाहा का डीएनए जांच के लिए भेज दिया गया था। 

डिलीवरी के बाद हुआ चौंकाने वाला खुलासा 

लगभग डेढ़ साल पहले नाबालिग की डिलीवरी हो गई। उसके बाद उसे अपने साथ ले जाने वाले दिनेश कुशवाहा के डीएनए से जब नवजात का डीएनए मिलाया गया, तो वह मैच नहीं किया। इसके बाद पुलिस के सामने सवाल आया कि आखिर इस बच्चे का पिता कौन है…? जिसको लेकर पुलिस ने कई बार बच्ची की बाल कल्याण समिति के साथ काउंसलिंग की।  लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिल सकी। 

काउंसलिंग में ही नाबालिग ने बताया सच

पुलिस ने बताया कि लगातार नाबालिग की काउंसलिंग की जा रही थी। लेकिन वह किसी भी तरह से सच बताना नहीं चाह रही थी। लेकिन हाल ही में जब उसकी बाल कल्याण समिति के माध्यम से काउंसलिंग की गई, तो लड़की ने अपने ही सौतेले पिता पर लगातार दुष्कर्म करने की बात बताई। इसके बाद सौतेले पिता से भी जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया है। इसके बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है। 

काउंसलिंग में सौतेला पिता ही आता था साथ 

पुलिस ने बताया कि जब भी नाबालिग की काउंसलिंग या अन्य पूछताछ की जाती थी, तो उसका पिता जसवंत कुशवाहा ही हमेशा उसके साथ आता था। संभवत इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि काउंसलिंग के दौरान भी नाबालिग सच नहीं बोल पाती थी, क्योंकि कहीं ना कहीं उस पर अपने सौतेले पिता का डर या दबाव रहता होगा। जिसके कारण इस मामले का खुलासा होने में लंबा समय लगा। 

इस पूरे मामले में एसडीओपी विवेक शर्मा ने बताया की “नाबालिग को दस्तयाब करने के बाद उसके बयान के आधार पर दिनेश कुशवाहा को जेल भेज दिया गया था। लेकिन नाबालिग की डिलीवरी जब हुई तो बड़ा सवाल था कि इस बेटी का बाप कौन है….? दिनेश और बेटी के डीएनए को मैच कराया गया जिसमें दोनों ही डीएनए मैच नहीं हुए। इसके बाद से ही लगातार नाबालिग की काउंसलिंग की गई। अब जाकर नाबालिग ने अपने ही पिता पर दुष्कर्म की बात कही। इसके बाद पिता को जेल भेज दिया गया। हालांकि पिता जसवंत कुशवाहा का डीएनए भी ले लिया गया है, जिसे जांच के लिए भेजा गया है। 

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