मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। अशोकनगर जिले (Ashoknagar) के मुंगावली तहसील (Mungaoli) में लगने वाले करीला मेले (karila Mela) में एक अजीबोगरीब फरमान सामने आया। जिसमें दूरदराज से राई नृत्य (dance) करने वाली नृत्यांगनाओं (dancers) का एचआईवी टेस्ट (HIV test) स्वास्थ्य विभाग कर रहा था। 2 दिन पहले करीला मेले में लगभग 10 नृत्यांगनाओं का एचआईवी टेस्ट भी किया गया था। इस मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए नृत्यांगनाओं को सम्मान के साथ जीने के अधिकार का घोर उल्लंघन बताया है।
महिला आयोग (National Commission for Women) के संज्ञान लेते ही जिला प्रशासन ने एक प्रेस नोट जारी कर जांच संबंधी मामले को नकार दिया है। वहीं अपनी ही बात पर अगले दिन स्वास्थ्य विभाग के CMHO डॉ नीरज छारी भी पलटते नजर आए। जबकि 2 दिन पहले ही उन्होंने बाहर से आई नृत्यांगना की जांच करने का दावा किया था और लगभग 10 एचआईवी जांच करने की बात भी कही थी।
दरअसल, रंग पंचमी पर लगने वाला करीला मेला जिसमें लाखों श्रद्धालु मां जानकी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। जहां श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होने के दौरान नृत्यांगनाओं से नृत्य कराया जाता है। इसी उद्देश्य से दूर दराज से नृत्यांगना नृत्य करने के लिए मेले में आती हैं। लेकिन जिला प्रशासन का यह तानाशाही रवैया इन नृत्यांगनाओं की एचआईवी जांच कराना उनके अधिकारों का उलंघन है।
बता दें कि यह वह स्थान है जहां माता सीता ने लव और कुश को जन्म दिया था। जन्म के बाद स्वर्ग की अप्सराएं इस पावन घड़ी पर नृत्य करने इसी धाम पर आई थी, तब से ही करीला धाम पर मन्नत पूरी होने के बाद राई नृत्य कराने की परंपरा के बनी हुई है।
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