मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। मध्य प्रदेश की अशोकनगर जिला जेल में गुरुवार को एक विशेष आध्यात्मिक वातावरण देखने को मिला। जब प्रसिद्ध जैन संत मुनि श्री सुधासागर जी महाराज का आगमन हुआ। मुनि श्री के जेल परिसर में पहुंचते ही कैदियों और अधिकारियों में उत्साह का माहौल बन गया। इस अवसर पर मुनि श्री ने लगभग दो घंटे तक कैदियों को आध्यात्म, नैतिकता और आत्मशुद्धि का संदेश दिया।
मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि मानव जीवन दुर्लभ है और इसे सुधार के अवसर के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने कैदियों से आह्वान किया कि वे अपने जीवन में हुई गलतियों को स्वीकार कर उनसे सीख लें और भविष्य में उन्हें दोहराने से बचें। मुनि श्री ने कहा कि सच्चा प्रायश्चित वही है, जो व्यक्ति को गलत मार्ग से सही दिशा की ओर ले जाए।
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कैदियों से दिलाई ये शपथ
नशे को समाज की सबसे बड़ी बुराइयों में से एक बताते हुए मुनि श्री ने कहा कि मेहनत की कमाई को नशे में खर्च करना स्वयं के साथ-साथ परिवार और समाज के लिए भी विनाशकारी है। नशे से मानव का नैतिक और शारीरिक पतन निश्चित है। उन्होंने कैदियों को नशे से दूर रहने, संयमित जीवन अपनाने की शपथ दिलाई।
मुनि श्री के विचारों से कैदी हुए भावुक
इस कार्यक्रम के दौरान जेल अधीक्षक ललित दीक्षित ने मुनि श्री के समक्ष एक प्रेरणादायक कविता प्रस्तुत की, जिसकी मुनि श्री ने सराहना की। प्रवचन के दौरान मुनि श्री के विचारों से कई कैदी भावुक हो गए और उन्होंने अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लिया।
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