राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, मध्य प्रदेश विधासनभा के पहले सत्र में विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं होगा। अब अगले सत्र में उपाध्यक्ष पद के लिए चयन की प्रक्रिया होगी। सत्ता परिवर्तन के बाद 2020 में भी उपाध्यक्ष पद का चयन नहीं हुआ था।

एमपी की 16वीं विधानसभा के पहले सत्र की कार्यवाही सोमवार से शुरू हो गई है। वंदे मातरम गायन के साथ सदन की कार्यवाही की शुरू की गई। इसके बाद दिवंगतों को मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई फिर निर्वाचित सदस्यों की सूची पटल पर रखी गई। एमपी विधानसभा में सबसे पहले नए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने शपथ ली। सीएम ने कहा कि विधानसभा सदस्यों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शपथ ग्रहण की।

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विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ

इसके बाद उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, अर्जुन सिंह ने शपथ ली। वहीं कई विधायकों ने संस्कृत में शपथ ग्रहण की। पहली बार के विधायक नरेंद्र शिवाजी पटेल सहित तीन विधायकों ने संस्कृत भाषा में शपथ ली है।

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निर्विरोध चुने जाएंगे नरेंद्र सिंह तोमर

वहीं नरेंद्र सिंह तोमर ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया। नरेंद्र तोमर को कांग्रेस का साथ मिला है। विपक्ष की इस भूमिका की पूरे प्रदेश में सराहना हो रही है, क्यों कि कांग्रेस के पास अपना अध्यक्ष बनाने के लिए सदस्यों की संख्या नहीं है। नरेंद्र सिंह निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने जाएंगे। 20 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चयन प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

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