शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में श्रम कानून संशोधन विधेयक को सदन में पास कर दिया गया है। श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने बयान दिया कि इस संशोधन के तहत श्रमिकों को अब दोगुनी ओवरटाइम राशि मिलेगी। पहले जहां मजदूर 125 घंटे तक काम कर सकते थे, अब इसे बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है। हालांकि, इसके लिए मजदूर की सहमति अनिवार्य होगी। लेकिन इस विधेयक पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है। 

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कांग्रेस विधायक सोहन वाल्मीकि ने इसे मजदूर विरोधी करार देते हुए कहा कि यह विधेयक उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब मजदूर संगठन नहीं बना पाएंगे और आंदोलन के लिए 6 सप्ताह पहले जानकारी देनी होगी। साथ ही, ओवरटाइम अब साप्ताहिक काम के घंटों के आधार पर तय होगा। वहीं, मेट्रोपॉलिटन सिटी विधेयक को लेकर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने मांग की कि मेट्रोपॉलिटन सिटी में शामिल होने वाले क्षेत्रों के विधायकों को भी कमेटी में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि कमेटी में केवल चार सदस्य हैं, जिनकी संख्या बढ़ानी चाहिए। 

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जयवर्धन ने यह भी तंज कसा कि 20 साल में मास्टर प्लान नहीं लाने वाली सरकार अब मेट्रोपॉलिटन सिटी की बात कर रही है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मेट्रोपॉलिटन सिटी विधेयक पर सवाल उठाते हुए कहा कि जमीन अधिग्रहण के दौरान बाजार मूल्य और कलेक्टर रेट में अंतर है। उन्होंने पूछा कि क्या आम जनता और किसानों को बाजार मूल्य के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा? उन्होंने कहा कि जो गलत था, उसका विपक्ष ने सदन के अंदर पुरजोर विरोध किया।  

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