राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। विधानसभा सत्र के दौरान सदन में मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार कोर्ट जा रही है. ओबीसी संरक्षण का अभियान जारी रहेगा. परिसीमन निरस्ती का अध्यादेश संवैधानिक नियमों के तहत था. कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी 15 साल में ओबीसी के लिए 27% आरक्षण लेकर क्यों नहीं आई. सरकार फिर कांग्रेस के साथ कोर्ट में जाए. आपकी आत्मा साथ हो तो कल कोर्ट में चलते हैं. अगर सरकार ओबीसी के हितैषी हैं, तो कोर्ट में वापस चलिए. सदन में अस्वीकार्यता का प्रस्ताव पास किया जाए. विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा मोदी सरकार ने दिया. कमलनाथ सरकार ने नौकरियों में 27% आरक्षण दिया, तो हमने साथ दिया था. मामला कोर्ट में पहुंचा, तो कांग्रेस सरकार के महाधिवक्ता उपस्थित नहीं हुए. कोर्ट से स्टे मिल गया. इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गई.

मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र: पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के स्थगन प्रस्ताव पर हो रही चर्चा, गहमागहमी का माहौल

सीएम शिवराज ने कहा कि कांग्रेस मैरिट में आने वाले छात्रों को आरक्षण की श्रेणी में शामिल करने का नियम लेकर आई. मुख्यमंत्री ने अरुण यादव मामले में चुटकी ली. सीएम शिवराज ने कहा कि भाजपा ने तो 3 ओबीसी मुख्यमंत्री दिए लेकिन कांग्रेस में अरुण यादव के क्या हाल है सबको दिख रहा है.

मप्र विधानसभा: ओबीसी आरक्षण पर हुई बहस, मंत्री भूपेद्र सिंह और पूर्व मंत्री तरुण भनोत ने सदन में की इस्तीफे की पेशकश

नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने अपने वक्तव्य में कहा कि लोकसभा, विधानसभा में कई बहस सुनीं. लेकिन तथ्य से हटकर आज चर्चा सुनी. परिसीमन, रोटेशन को लेकर हमारी मांग रही है. डेढ़ साल में आपने उपचुनाव करवा लिए, लेकिन पंचायत चुनाव नहीं कराए. किस बात पर कोर्ट में मामला गया ये देखना है. आरक्षण तो विषय ही नहीं था. लेकिन कोर्ट में उस समय महाराष्ट्र का विषय चल रहा था, तो वहां आरक्षण की बात हो गई. कोर्ट की टिप्पणी पर सरकार के वकील चुप रहे.

BIG BREAKING: इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मिले 2 लोगों में ओमिक्रॉन वैरिएंट की आशंका, निजी लैब में टेस्ट के बाद दिल्ली भेजे गए सैंपल

कमलनाथ ने कहा कि अगर सरकार को ये स्वीकार्य नहीं था, तो अगले दिन भी सरकार कोर्ट जा सकती थी. आप उपाय ढूंढने के बजाय कांग्रेस को आरोपी बताते रहे. सरकार को बोलना था कि हमें अस्वीकार है, तो कांग्रेस अपना स्थगन प्रस्ताव वापस लेती. सरकार फिर कांग्रेस के साथ कोर्ट में जाए. आपकी आत्मा साथ हो तो कल कोर्ट में चलते हैं. अगर ओबीसी के हितैषी हैं, तो कोर्ट में वापस चलिए. सदन में अस्वीकार्यता का प्रस्ताव पास किया जाए.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus