शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में नगर पालिका संशोधन विधेयक पारित हो गया है। प्रदेश में अब नगर पालिका अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। यानी अब जनता सीधे अध्यक्षों का चुनाव करेगी।

एमपी विधानसभा शीतकालीन सत्र की कार्यवाही जारी है। सदन में चौथे दिन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नगर पालिका संशोधन का प्रस्ताव रखा। जिसे विधानसभा में पास कर दिया गया है। अब नगर निगम के अध्यक्ष को तीन साल तक नहीं हटाया जा सकेगा। यह सिर्फ नगर निगम के अध्यक्षों के लिए है। अब तक 2 तिहाई बहुमत के आधार पर पार्षद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाते थे। अब नगर निगम के अध्यक्ष को हटाने ने किए दो तिहाई के स्थान पर तीन चौथाई बहुमत की आवश्यकता होगी।

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उपनेता प्रतिपक्ष ने जताई आपत्ति

इस पर उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार पार्षदों के अधिकारों को कम कर रही है। इससे अध्यक्षों को भ्रष्टाचार करने का बढ़ावा मिलेगा। तीन तिहाई बहुमत कीजिए या समय निर्धारित कीजिए। इस संशोधन पर पुनर्विचार करना चाहिए। हेमंत कटारे ने कहा कि यह प्रस्ताव संविधान की आत्मा और बाबा साहब के विपरीत है।

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आपको बता दें कि 2019 में कमलनाथ सरकार ने अप्रत्यक्ष प्रणाली व्यवस्था शुरू की थी। इसके बाद शिवराज सरकार ने इसमें दो बार बदलाव किया। पहली बार में मेयर और अध्यक्ष दोनों का इलेक्शन डायरेक्ट करने का फैसला लिया था, लेकिन बाद में नगर पालिका और नगर परिषदों के चुनाव इनडायरेक्ट करवाए गए थे।

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