शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र की कार्यवाही जारी है। विधानसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर जमकर हंगामा हुआ। दोनों ही दलों के विधायक आसंदी तक जा पहुंचे। कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। ‘अमित शाह माफी मांगों’ के नारे लगाते हुए सदन से बाहर निकल गए। हंगामे के बीच विधानसभा की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर एमपी में भी सियासत शुरू हो गई है। अमित शाह के बाबा अंबेडकर पर दिए बयान पर कांग्रेस हमलावर है। कहा कि बीजेपी ने हमेशा बाबा साहब को अपमानित किया। उनका अपमान दलित समाज का अपमान है। वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस के नेता बाबा साहब का अपमान करते आ रहे हैं। नेहरू ने अंबेडकर का अपमान किया था। विपक्ष का काम सिर्फ हंगामा करना है।

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विधानसभा प्रश्नकाल

बीजेपी विधायक सतीश मालवीय ने उज्जैन में रियासत कालीन शासकीय मंदिर की जानकारी मांगी। मंदिर उज्जैन में कहा कहा थे ? उज्जैन जिले में विधानसभा कितने मंदिर जीर्ण शीर्ण है KFतने मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ है, मंदिरों पर अतिक्रमण की स्थिति की जानकारी मांगी है।

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नेता प्रतिपक्ष उमंघ सिंघार ने भी सदन में मांग उठाई है। मंदिरों का प्रशासक कलेक्टर को क्यों बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार मंदिर का प्रशासक कलेक्टर न होकर समितियों को संचालन दे, नीति बनाए। हिंदू की बात करते है लेकिन मंदिरों की यह स्थिति है। वहीं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार में कही भी मंदिरों की जमीन पर अतिक्रमण नहीं होने देंगे, जो सवाल विधायक ने किया है वहां मंदिर की जमीन पर यदि अतिक्रमण होगा तो तत्काल हटाया जाएगा।

कांग्रेस विधायक जयवर्धन ने उठाया ये मुद्दा

प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने राजस्व अधिकारियों द्वारा विधायकों के पत्रों, आदेशों का पालन नहीं करने का मुद्दा उठाया। इस दौरान जयवर्धन ने कहा विंध्य के सत्ता पक्ष के एक विधायक प्रदीप पटेल को तो अधिकारियों के कदमों में दंडवत करना पड़ा। जयवर्धन ने राजस्व मंत्री से मांग की है कि प्रदेश में अभियान चलाकर राजस्व अधिकारियों से पूछे की कितने विधायकों के पत्रों का जवाब दिया।

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