मुकेश मेहता, बुधनी (सीहोर)। मध्यप्रदेश के बुधनी के भेरूंदा के पढ़े लिखे बेरोजगारों युवाओं को रोजगार दिलाने के नाम पर ब्लॉक स्तर पर रोजगार मेला का आयोजन करवा रहे हैं। जिससे की प्रदेश के शिक्षित बेरोगारों को रोजगार मिले सकें, लेकिन सीएम के गृह क्षेत्र के शिक्षित युवक-युवतियों के साथ रोजगार देने के नाम पर रोजगार मेले में धोखा किया गया।
दरअसल, भेरूंदा (नसरुल्लागंज) में 18 मई को रोजगार मेले का आयोजन जनपद पंचायत में हुआ था। जिसमें क्षेत्र के कई युवाओं (युवक-युवती) को रोजगार देने का वादा कर कंपनियां ने उन्हें नियुक्ति दिए। वहीं कैपिटल कंपनी ने भी सुपरवाइजर और सुरक्षा गार्ड के नाम पर कुछ युवाओं का चयन कर उन्हें नियुक्ति दिया। हैदराबाद पहुंचने के बाद युवाओं से 7 हजार 500 रुपए ट्रेनिंग के नाम पर जमा करवाएं और उनसे मजदूरों की तरह काम करवाया। उन्हें सुबह 6.00 बजे ही उठा देते थे और उसके बाद शौचालय, बाथरूम साफ करवाना, झाड़ू-पोछा लगवाना, खाना बनवाना यहां तक कि तगारी और फावड़े का काम भी युवाओं से करवाया जाता था और उन्हें घर पर किसी से बात नहीं कर देने देते थे।
इससे परेशान होकर युवाओं ने रात के अंधेरे में भागकर भेरूंदा लौटे और परिवार वालों को आपबीती सुनाई। वहीं एक युवक ट्रेनिंग के दौरान वहां बीमार हो गया था, जिसका इलाज तक कंपनी ने नहीं कराया। घर आने के एक दिन बाद ही उसकी मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने कैपिटल कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के युवाओं को कंपनी ने मजदूर बनाकर काम करवाया गया। जिसका खाजिमाजा एक युवक को अपने जान देकर चुकाना पड़ा। अब देखने वाली बात यह है कि सरकार ऐसी कंपनी पर किस प्रकार की कार्रवाई करती है। कंपनी रोजगार देने के नाम पर बेरोजगारों का शोषण कर रही है।
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