नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट के खमकोदादर जंगल में हॉकफोर्स और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में मारे गए नक्सली हिडमा माडकम उर्फ चैतू का शव लेने आज शनिवार को उसके परिजन पहुंचे। शव की शिनाख्त के बाद पोस्टमार्टम कर परिजनों को डेड बॉडी सौंपी गई। शव लेने के लिए उनके पिता और चचेरा भाई पहुंचे थे। माड़वी हिडमा छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बलों पर हुए नक्सली हमले का मास्टरमाइंड था।

बता दें कि मारे गए नक्सली हिडमा मड़काम छत्तीसढ़ के बीजापुर जिला अंतर्गत पम्मरा गांव का रहने वाला है। वह 14 साल की उम्र में नक्सली दल में शामिल हो गया था। जिसके खिलाफ एमपी में 2, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कई जघन्य अपराध दर्ज हैं। इन तीनों राज्यों में उसके खिलाफ 14 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था।

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14 दिसंबर को सूपखार एरिया के खमकोदादर जंगल में हॉकफोर्स जब सर्चिंग में थी। तब दर्जन भर से अधिक नक्सलियों ने सर्चिंग टीम पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी थी। बचाव के बाद आमने-सामने हुई मुठभेड़ में इनामी नक्सली हिडमा मारा गया था। पुलिस ने उसके शव को सुरक्षित बालाघाट जिला अस्पताल में रखवा दिया था।

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इसकी सूचना उसके परिजनों को दी गई थी। 2 दिन बाद नक्सली हिडमा के पिता सन्नु मड़काम और चचेरा भाई मंगु मड़काम शव लेने पहुंचे। शव की शिनाख्त के बाद पोस्टमार्टम किया गया और परिजनों के सौंपा गया। जिसके बाद परिजन शव बीजापुर के पम्मरा गांव लेकर चले गए।

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