नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और फायरब्रांड नेता उमा भारती शुक्रवार को बालाघाट पहुंची। उन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को कम किए बगैर सवर्णों को आरक्षण दिया जाए।

बता दें कि पूर्व सीएम उमा भारती अपने तीन दिवासीय प्रवास पर है। जहां बालाघाट सांसद ढालसिंह बिसेन, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश भटेरे, आयुष राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे, बीजेपी नेत्री लता एलकर सहित भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया।

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पूर्व सीएम के प्रवास कार्यक्रम के मुताबिक वे 01 जनवरी तक बालाघाट में रहेंगी। इस दौरान बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे के घर उनकी तबियत का हाल जानने का कार्यक्रम भी शामिल है, जिसको लेकर भाजपाई भी आश्चर्य चकित हैं। बता दें कि पिछले माह पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की दिल्ली में बायपास सर्जरी हुई है और वे फिलहाल घर पर आराम कर रहे हैं।

वहीं मीडिया से चर्चा करते हुए फायरब्रांड नेता उमा भारती ने कुछ सवालों का मजाकिया लहजे में जवाब दिया। जिसमें उनके पार्टी में उपेक्षा का दर्द दिखाई दे रहा था। साथ ही उन्होंने ओबीसी आरक्षण के सवाल को टालते हुए आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि आरक्षण पर मतभेद होने के बाद लोग कोर्ट जाएंगे और कोर्ट तथ्यों, तर्को और संवैधानिक मर्यादाओं के तहत काम करता है।

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उमा भारती ने कहा कि एससी-एसटी, ओबीसी के अलावा सवर्णों में भी बहुत बड़ा तबका है, जो गरीब है। इसलिए उन्हें सरकारी नौकरी और प्राइवेट सेक्टर में 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का समर्थन करती हूं, लेकिन एससी-एसटी और ओबीसी के आरक्षण को कम किये बगैर आरक्षण दिया जाए। मेरा मानना है कि पूरी दुनिया अभावग्रस्तस और सुविधायुक्त लोगों के बीच बंट गई है। एक तरफ गरीब एसटी, एससी, ओबीसी और सवर्ण है, जबकि दूसरी ओर प्राइवेट और शासकीय अस्पताल या प्रायवेट या शासकीय स्कूल जाने वाले लोग है।

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