नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश में सरकार विकास कार्याें के लाख दावे करती हो, लेकन जमीनी हकीकत कुछ और ही बया करती है। आदिवासी जिला बालाघाट से ऐसी तस्वीरें सामने आई, जो विकास कार्याें के बड़े-बड़े दावे की पोल खोलकर रख दी है। जहां कीचड़ से सनी रास्ते से श्मशान घाट तक शव को ले जाने में लोग मजूबर हैं। गुरुवार को ग्रामीण शव लेकर लड़खड़ाते कदमों से शमशान घाट पहुंचे और अंतिम संस्कार किया।

जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चिखला का है। जहां आज किसी ग्रामीण की मौत हो गई। अंतिम संस्कार के लिए लोगों को कीचड़ सने रास्ते से हुए हो हुए श्मशान पहुंचे। दरअसल, बारिश के चलते श्मशान का रास्ता दलदल में तब्दील हो गया। मजबूर ग्रामीण कंधों पर अर्थी का बोझ लिए लडखड़ाते हुए किसी तरह श्मशान घाट पहुंचे और अंतिम संस्कार किया। दलदल मार्ग से गुजरी शव यात्रा का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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ग्रामीणों की मानें तो वह श्मशान घाट तक पक्की सड़क की लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों के मुख से निकलने वाला विकास कार्य धरातल पर अभी तक नहीं पहुंचा। कई बार उन्होंने जिम्मदोरों से बदलदाल मार्ग को लेकर अवगत कराया। बावजूद इसके जिम्मेदार कुंभकर्ण की नींद हो रहे हैं। आखिरकार ऐसा कब तक चलेगा। जिम्मेदार सड़क बनवाते हैं या नहीं यह तो आने वाले दिनों पता चलेगा। गौरलतब है कि हाल ही में अभी लांजी विधानसभा क्षेत्र के एक प्रसूता को खाट में ले जाने का मामला सामने आया था।

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