समीर शेख,बड़वानी। मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा विकासखंड में मनरेगा में हुए 5 करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार को लेकर न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सीईओ और सचिव समेत 23 लोगों को 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अर्थदंड भी लगाया है.
जानकारी के मुताबिक सेंधवा विकासखंड के वरला थाने पर साल 2011-12 में मनरेगा में 5 करोड़ से अधिक का गबन हुआ था. इस मामले में अपराध दर्ज किया गया था, जो कि न्यायालय में चल रहा था. जिसको लेकर आज प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कैलाश मकराम ने सुनवाई की.
न्यायाधीश ने अंतिम फैसला लेते हुए पंचायत सचिव और सीईओ लखन सिंह राजपूत समेत 23 आरोपियों को 7-7 साल की कारावास की सजा सुनाई है. अभियोजन अधिकारी हेमंत कुमावत ने बताया कि पुलिस ने उक्त गबन मामले में कुल 25 लोगों को आरोपी बनाया था. जिनमें दो लोगों की पहले ही मौत हो चुकी है. बाकी आरोपियों को कारावास की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया गया है.
बता दें कि 2011-12 में सेंधवा जनपद पंचायत में कांग्रेस के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राजेंद्र मोतियानी ने जनपद पंचायत सीईओ लखन सिंह राजपूत पर मनरेगा सहित कई विकास कार्यों में 300 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. जिसमें 114 पंचायत शामिल थे. सेंधवा जनपद पंचायत के सामने कांग्रेसी नेताओं ने हवन कर विरोध जताया था.
इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी. जिसके बाद लोकायुक्त की टीम ने लाखन सिंह राजपूत के सेंधवा स्थित स्वर्ण कॉलोनी में छापामार कार्रवाई की थी. सीईओ लखन के खिलाफ थाने पर अपराध दर्ज कर जेल भेज दिया गया था.
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