समीर शेख, बड़वानी। मध्य प्रदेश में इन दिनों रबी फसल की बोवनी का कार्य चल रहा है। किसानों को यूरिया खाद के अलावा अन्य खाद की आवश्यकता पड़ रही है। लेकिन किसानों को आवश्यकता के अनुसार खाद नहीं मिल पा रही है। आलम यह है कि खानापूर्ति में अधिक समय लगता है, तब जाकर किसानों को खाद मिल पा रही है।

कृषि उपज मंडी में किसान अलसुबह आकर अपना नंबर लगा देते हैं, जबकि केंद्र 11 बजे के करीब खुलता है। पांच से सात घंटे की मशक्कत के बाद किसानों को यूरिया मिल रहा है। कई किसानों ने तो बोवनी कार्य शुरू भी कर दिया है। सबसे अधिक बोवनी गेहूं की होनी है। बचे हुए किसान बोवनी के लिए अपने खेतों को तैयार करने में लगे हुए हैं, लेकिन उन्हें खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जिले के अलग-अलग केंद्रों में यूरिया व अन्य खाद के लिए किसानों को मशक्कत करना पड़ रहा है।

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ग्राम अवलदा के किसान रामेश्वर सोलंकी का कहना है कि केंद्रों में भले ही भरपूर खाद उपलब्ध हो, लेकिन खानापूर्ति में अधिक समय लग जाता है। पर्याप्त मात्रा में खाद भी नहीं दिया जा रहा है। केंद्र प्रभारी का कहना है कि एक एकड़ पर मात्र दो बोरी यूरिया खाद दिया जाएगा। चुनाव के कारण केंद्र बंद था, अचानक से भिंड बढ़ गई है। सबको लिमिटेड खाद दिया जाएगा।

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उन्होंने बताया कि जिले में उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। समय-समय पर उर्वरक आपूर्ति के लिए वरिष्ठों को पत्र लिखकर अवगत कराया जाता है। 16 नवंबर से 19 नवंबर तक चुनाव ड्यूटी के चलते केंद्र बंद था, जो आज खुला है। उसके कारण किसानों की भीड़ बढ़ गई है। इस कारण थोड़ी दिक्कत हो रही है, खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है l

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