अजय शर्मा,भोपाल। देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने आज शपथ ग्रहण कर लिया है. अब आदिवासी महिला राष्ट्रपति का इफेक्ट मध्यप्रदेश कांग्रेस में भी दिखना शुरू हो गया है. कांग्रेस 2023 विधानसभा चुनाव को अभी से साधने में जुट गई है. प्रदेश कांग्रेस आदिवासी विधायकों को ज्यादा तरजीह देने के मूड में है. इससे कहीं न कहीं आदिवासी विधायकों और कार्यकर्ताओं को फायदा जरूर होगा.
प्रदेश कांग्रेस बनने वाली नई कार्यकारिणी में कई आदिवासी विधायकों और आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं को नई जिम्मेदारी देगी. प्रदेश कांग्रेस के कई विभागों में आदिवासी विधायकों की अनुशंसा पर नए चेहरे शामिल किए जाएंगे. उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएगी. 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस आदिवासियों को साधने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एमपी में क्रॉस वोटिंग भी हुआ था. कांग्रेस के 19 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू को वोट किया था. जिसके बाद कांग्रेस ने अपने ही विधायकों पर सवाल उठाया था. इस पर खूब सियासत भी हुई थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश नायक ने क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों को आस्तीन का सांप बताया है. अच्छा हुआ वक्त रहते आस्तीन के सांपों का पता चल गया. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि कांग्रेस की सत्ता, साख और नाक तीनों चली गई है. कमलनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए.
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