शंकर राय, भैंसदेही(बैतूल)। मध्यप्रदेश के बैतूल में एक गर्भवती महिला के साथ शराबी एम्बुलेंस चालक ने अमानवीय बर्ताव किया है. महिला को अस्पताल से उसके गांव छोड़ने जाते समय एम्बुलेंस चालक ने महिला और उसके साथ आई आशा कार्यकर्ता को गांव से दूर जंगल के बीच सड़क पर उतार दिया और वहां से निकल गया. अब इस मामले में जांच की बात अधिकारी कह रहे हैं. एम्बुलेंस चालक पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

पूरा मामला भैंसदेही ब्लॉक का है, जहां के झल्लार उप स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए कालडोंगरी गांव की गर्भवती महिला आशा कार्यकर्ता के साथ आई थी. महिला की हालत बेहद नाजुक थी, जिसे पैदल चलने के लिए भी मना किया गया था. इलाज के बाद महिला और आशा कार्यकर्ता को एम्बुलेंस से उनके गांव तक छोड़ने के निर्देश दिए गए थे. अस्पताल से महिला को लेकर रवाना हुई एम्बुलेंस का चालक शराब के नशे में धुत था. उसने आधे रास्ते मे आशा कार्यकर्ता से बहस शुरू कर दी और गांव तक जाने से इनकार कर दिया. इस दौरान एम्बुलेंस चालक ने आशा कार्यकर्ता और गर्भवती महिला के साथ गालीगलौज भी की.

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आशा कार्यकर्ता और गर्भवती महिला एम्बुलेंस चालक के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन एम्बुलेंस चालक को उन पर ज़रा भी तरस नहीं आया. एम्बुलेंस चालक ने दोनों को गांव पहुंचने से पहले ही जंगल के बीच सड़क पर उतार दिया और वहां से निकल गया. गर्भवती महिला की हालत ऐसी नहीं थी कि वो दस कदम भी पैदल चल पाती. ऐसे में मजबूरन आशा कार्यकर्ता ने एक निजी वाहन बुलाकर गर्भवती महिला को सुरक्षित गांव तक पहुंचाया और इस घटना की शिकायत ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के पास दर्ज कराई है.

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अब स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ डाक्टर एम एस सेवारिया पूरे मामले की जांच करने की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि निश्चित रूप से यह पूरा मामला मेरे संज्ञान में आया था. मैंने इस पूरे मामले को लेकर उच्च अधिकारियों को जानकारी भी दी है. आशा और गर्भवती महिला के साथ जो घटना हुई है, वो निंदनीय है. जबकि एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं को लाना और ले जाना ही करती है, लेकिन एंबुलेंस द्वारा जो गर्भवती महिला को बीच सड़क पर छोड़ गए यहां बहुत बड़ी लापरवाही है. एम्बुलेंस चालक पर तत्काल कोई एक्शन नहीं लिया गया है.

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