अमित पवार, बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के सरकारी अस्पताल में दवाइयां कबाड़ में पड़ी हुई है। स्वास्थ्य संबंधी सरकार द्वारा भेजी गई प्रचार प्रसार सामग्री और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रमों के आवेदन, दस्तावेजों के दर्जनों कार्टून बिना खोले कबाड़े में फेंक दिए गए हैं। परिवार नियोजन कार्यक्रम में आए निरोध के कई बक्से कबाड़े में पड़े हुए है। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में इन निरोधों को जला भी दिया गया है।
मामला मुलताई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां पर खंडहर हो चुके कर्मचारी निवास में पड़े कबाड़ में चौंकाने वाली चीज देखने को मिली। इन कमरों में कीमती दवाएं के साथ ही बड़ी संख्या में विभिन्न स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रमों के कागज, आवेदन से भरे बाक्स धूल खा रहे हैं। कमरों में जगह-जगह दवाओं के पत्ते पड़े हुए हैं। ऐसा एक कमरा नहीं है, बल्कि यहां के लगभग चार कमरे में यह सामग्री भरी पड़ी है। कुछ बक्सों में सीरप भरे पड़े हैं, तो कुछ में निरोध के पैकेट। लेकिन जिम्मेदार को इस बात की भनक तक नहीं है, ऐसा उनका कहना है।
अब सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी संख्या में दवाएं और प्रचार सामग्री कबाड़े में कैसे पहुंच गई। अगर यह दवाई एक्सपायर हो चुकी थी तो इन दवाओं को विधिवत नष्ट किया जाना था। दर्जनों बक्सों में रखी प्रचार और मिशन कार्यक्रम सामग्री यही बताती है कि मिशन कार्यक्रम पर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। जिस उद्देश्य से लाखों रुपए खर्च कर यह सामग्री भिजवाई गई है। वह रद्दी हो रही है। मुलताई बीएमओ डाॅ.अभिनव शुक्ला इस मामले में अनजान बन रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। वह फार्मासिस्ट से इस मामले की जानकारी लेंगे। वहीं, जिले के सीएमएचओ इस पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं।
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