अमित पवार,बैतूल। बैतूल जिले के घोड़ाडोंगर तहसील के सारनी स्थित मध्यप्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के अस्पताल में सोमवार को दुर्लभ छिपकली दिखाई दी. जिससे अस्पताल के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. अस्पताल प्रबंधन ने सर्पमित्र आदिल खान को इसकी सूचना दी. जिसके बाद सर्पमित्र ने मौके पर पहुंचकर इस दुर्लभ छिपकली का रेस्क्यू किया.
वन्य प्राणियों और प्रकृति के संरक्षण का कार्य कर रहे सारनी के आदिल खान ने बताया कि उन्हें सारनी के मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी अस्पताल से कर्मचारियों का फोन आया था. एक दुर्लभ छिपकली अस्पताल परिसर में बैठी तेज़ आवाज़ निकाल रही थी. जिसे “सतपुड़ा लियोपर्ड गेको” के नाम से जाना जाता है. सर्पमित्र ने सुझबूझ से छिपकली का सुरक्षित रेस्क्यू किया. जिसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया.
आदिल ने बताया कि यह छिपकली मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में पाई जाती है. यह स्थानिक (endemic) हैं. पूरी दुनिया में यहां सिर्फ मध्य भारत के जंगलों में ही पाई जाती है. यह रात के समय एक्टिव होती हैं और कीड़े मकोड़े इनका मुख्य भोजन हैं. आदिल ने बताया दिखने में यह छिपकली बेहद आकर्षक होती हैं.
खतरा महसूस होने पर यह छिपकली तेज़ी से भाग जाती हैं या तेज़ आवाज़ निकालती है. यह छिपकली लगभग 20 सेंटीमीटर तक बड़ी हो सकती है. आदिल ने यह भी बताया कि ये छिपकली विषहीन होती हैं और इंसानों को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाती. इन्हें विशेष संरक्षण देने की भी आवश्यकता है.
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