अमित पवार, बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में शुगर मिल की मनमानी के चलते मिल से निकलने वाला केमिकल युक्त जहरीला और दूषित पानी सांपना नदी में बहाया जा रहा है. नदी का पानी पूरी तरह काला हो गया है. मिल से निकलने वाले जहरीले और दूषित पानी ने आसपास के दर्जनों गांव के लिए जीवन दायिनी नदी को बुरी तरह प्रदूषित कर दिया है. इस क्षेत्र के ग्रामीण इस केमिकल युक्त पानी को देखने के बाद भयभीत है.

जिले के सोहागपुर गांव में स्थित श्रीजी शुगर मिल 15 दिनों से सांपना नदी में कैमिकल युक्त पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है. जिससे पूरी नदी का पानी बदबूदार और काला हो गया है. हर साल बारिश शुरू होते ही मिल का वेस्ट नदी में बहाया जाता है. मिल से निकलने वाले जहरीले पानी को पी कर आसपास के मवेशी, पशु-पक्षी बीमार पड़ सकते है. दूसरी ओर नदी से अजीब सी बदबू भी आ रही है, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान होने के साथ ही साथ इसका असर भूजल पर भी पड़ रहा है.

ग्रामीणों ने बताया की शुगर मिल से निकलने वाला खतरनाक और जहरीला पानी जलवायु को लगातार दूषित कर रहा है. जहरीले पानी ने आसपास के गांव की फिजा को जहरीला बना दिया है. इससे पेड़ पौधों से लेकर नदी में रहने वाले जीव जंतु, जानवर सहित मानव जीवन पर खतरा मंडरा रहे है. बताया जा रहा है कि जानवरों सहित इंसानों में त्वचा सहित दमा जैसी खतरनाक बीमारियां पैदा हो सकती है.

पानी की दुर्गंध से इंसान मिनट भी वहां खड़ा नहीं हो सकता. जहरीले पानी का अंश उपजाऊ भूमि, पेड़ पौधे, जीव जन्तु, जानवर सहित इंसानों के तबाही की दासता लिख दे, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह सब दिखाई नहीं देता है. इस मामले में शुगर मिल के मैनेजर सजेंद्र कुमार सांपणा नदी में कैमिकल युक्त पानी नहीं जाने की बात कह रहा है. कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के संज्ञान में मामला लाने के बाद एक जांच दल बनाया गया है. जो पूरे मामले की जांच करेगी, जिसके बाद मिल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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