अमित पवार, बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में 8 गांवाें के हजारों आदिवासियों ने शासन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. अब वो विरोध में सड़क पर उतर आए हैं. मामला शीतलझिरी बांध निर्माण का है. जहां आठ गांवों के किसान पिछले एक साल से बांध निर्माण का विरोध कर रहे हैं. 2023 विधानसभा चुनाव के समय भी जब बांध निर्माण का विरोध कर रहे आदिवासियों ने मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी.

इसके बाद सरकार ने मामला संभालते हुए बांध निर्माण रोकने का आश्वासन देकर स्थिति को संभाल लिया था. लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद पिछले महीने सीएम डॉ मोहन यादव ने मुलताई तहसील में शीतलझिरी बांध निर्माण का भूमिपूजन कर दिया. जिससे अब आठ गांवों के आदिवासी सरकार पर धोखेबाजी का आरोप लगा रहे हैं. आदिवासियों के मुताबिक, बांध के डूब क्षेत्र में जा रही 1200 एकड़ जमीन में उनके प्राचीन देव स्थल, सांस्कृतिक स्थल और उपजाऊ जमीनें हैं.

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बांध बनने से उनकी सांस्कृतिक विरासत और जीवनयापन के साधन हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे. पिछले दिनों ग्रामीणों ने बांध निर्माण रोकने ग्राम सभा मे प्रस्ताव भी एकमत से पारित कर दिया था. लेकिन शासन ग्राम सभा के आदेश के विरुद्ध जाकर बांध बनवा रहा है. आदिवासियों ने शासन को चेतावनी दे दी है कि वो किसी भी हाल में अपनी जमीनें नहीं छोड़ेंगे. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि बांध निर्माण से लोगों को लाभ होगा, लेकिन अगर ग्रामीण इससे नाखुश हैं तो उनकी बात दोबारा सरकार तक पहुंचाई जाएगी.

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