एनके भटेले, भिंड। जिले में एक बार फिर लल्लूराम की खबर का बड़ा असर हुआ है। कलेक्टर के एक प्रेसनोट ने सरकारी महकमों की उड़ा नींद दी थी। खबर को प्रमुखता से प्रकाशित करने पर कलेक्टर ने इस पर संज्ञान लेते हुए प्रेसनोट के बारे में विस्तार से बताया। कलेक्टर सतीश कुमार एस ने कहा कि कर्मचारियों को डरने जैसी कोई बात नहीं है। किसी भी कर्मचारी को चुनाव ड्यूटी से मुक्त होने के लिए मांगी गई छुट्टी पर जबरदस्ती वीएसआर नहीं दिया जाएगा। दरअसल, भिंड कलेक्टर ने दो दिन पहले आदेश पारित किया था कि चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए जो भी अधिकारी-कर्मचारी बीमारी का प्रमाण पत्र लेकर आएंगे, उनके खिलाफ 20 साल की सेवा या 50 साल की आयु के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की जाएगी।
अब कलेक्टर ने कहा कि किसी भी कर्मचारी को चुनाव ड्यूटी से मुक्त होने के लिए मांगी गई छुट्टी पर जबरदस्ती वीएसआर नहीं दिया जाएगा। प्रशासन चाहता है कि छोटी-मोटी बीमारियों के चलते कर्मचारी छुट्टियों के आवेदन लेकर ना आए। क्योंकि चुनाव एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसको संपन्न कराना कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी है। हाँ जिस किसी कर्मचारी को तत्काल कोई गंभीर समस्या या बीमारी से पीड़ित है, तो उसको निश्चित ही चुनाव ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा।
कलेक्टर ने बताया कि भिंड में आधा सैकड़ा से अधिक ड्यूटी निरस्त करने के आवेदन आए हैं। जिनमें कई कर्मचारियों को लंबे समय से शुगर, बीपी, थायरॉयड या अन्य रूटीन बीमारियों के जिनके चलते चुनाव से अवकाश नहीं दिया जा सकता है। हां अगर किसी कर्मचारी को तत्काल कोई गंभीर समस्या है तो उसका अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।
वहीं कलेक्टर ने कहा मेडिकल बोर्ड को आदेशित किया है कि अगर किसी कर्मचारी को गंभीर बीमारी है तो ही सर्टिफिकेट जारी किया जाए। रूटीन बीमारियों में बीमारी का सर्टिफिकेट जारी ना किया जाए। प्रशासन द्वारा इस प्रकार के आदेश जारी करने का उद्देश्य यही था कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी ड्यूटी आएं, क्योंकि चुनाव के लिए समय कम बचा है।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक