एन.के.भटेले, भिंड। एक ओर अपने आप को किसान (farmer) हितैषी बताते हुए सरकार किसानों का कर्ज माफ करने की बात करती हैं और दूसरी ओर उसी के अधीन कार्य कर रही। भिंड जिले में बिजली विभाग (electricity department) किसानों के साथ मनमानी करने पर उतारू है। कंपनी ने ऐसे किसानों के खातों को भी बंधक बना लिया है। जिन्होंने सालों पहले कनेक्शन लिए थे और कुछ समय बाद ट्यूबवेल भी नहीं रहे। इसके बावजूद भी बिजली कंपनी के कागजों में बिल लगातार बढ़ते रहे। आरोप है कि किसानों की मौत के बाद भी अब उनके बच्चों के पास जो जमीन है, उसे भी बंधक बना लिया गया है। ऐसे में वह भी हैरान हैं कि आखिर जो कनेक्शन उनके पास नहीं है न ही कोई जानकारी है। जबकि उन्हें उसका बिल भी दिए बिना उनकी जमीन को बंधक बना दिया गया। ऐसे किसान अब वरिष्ठ अधिकारियों (senior officers) से गुहार लगाने की बात कह रहे हैं।

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दरअसल एमपी की विद्युत वितरण कंपनी घाटे में चल रही। कंपनी ने बिजली के बड़े बकायादारों से बकाए के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपना रही है। इसी क्रम में अब बिजली कंपनी ने बड़े बकायादार किसानों से वसूली के लिए उनकी जमीन को बंधक बना रहा है। जमीन के 12 नंबर कॉलम में बकाया राशि को दर्ज किया जा रहा है। ऐसे में बकाया भुगतान ना करने की स्थिति में किसान आपातकालीन समय में जमीन की खरीद फरोख्त भी नहीं कर सकता।

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लोगों का कहना है कि जमीन को नीलाम कर बकाया वसूली की योजना कंपनी की ओर से बनाई जा रही है। ऐसे में अब किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें छाई हुई है। कुछ किसान ऐसे भी हैं जिनके बाप दादाओं ने ट्यूबवेल कनेक्शन लिए थे लेकिन कुछ समय तक बिजली ना मिलने के बाद उन्होंने डीजल पंप कुओं में लगा दिए या फिर ट्यूबवेल को बंद ही कर दिया। लेकिन बिजली कंपनी की फाइलों में कनेक्शन बदस्तूर जारी रहे। जिनका खामियाजा अब कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं के परिजनों को भुगतना पड़ रहा है। बंधक बनाए जाने की लिस्ट में नाम देखकर इन लोगों के होश उड़ गए है। उन्हें अब समझ में नहीं आ रहा कि क्या किया जाए। वह अब अधिकारियों से गुहार लगाने की बात कह रहे हैं।

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तहसीलदार राजनारायण खरे ने बताया कि 49 खाताधारों के नहीं आए है, उनके नाम खसरे के 12 नंबर कालम में उनकी बकाया राशि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि नाम दर्ज करने का उद्देश्य ही है कि किसान बकाया राशि को जमा करें। साथ ही रकम जमा करने के बाद ही किसान जमीन बेच सकता है।

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