एनके भटेले, भिण्ड। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले के मेहगांव कस्बे में संचालित सीएम राइज स्कूल की प्रिंसिपल ने शिक्षकों का मनोबल बढ़ाने के लिए एक अभिनव पहल की शुरुआत की है। यहां पर शिक्षकों को कार्य अनुभव कराने के लिए उन्हें एक दिन के लिए प्राचार्य बनाया जा रहा है। वे सभी कार्य जो एक प्रिंसिपल करता है वह शिक्षक से कराए जा रहे है। जबकि प्राचार्य आम शिक्षक की तरह स्कूल में क्लास ले रहे हैं। इसके साथ ही बच्चों को विज्ञान के जादू से भी परिचित कराया जा रहा है।
दरअसल, पूरे मध्यप्रदेश की तरह भिण्ड जिले में भी सीएम राइज स्कूल खोले गए हैं। यहां के मेहगांव में उत्कृष्ट विद्यालय को सीएम राइज स्कूल में तब्दील किया गया है। जिसमें विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्तियां की गई हैं। कुल 43 शिक्षक इस स्कूल में मौजूद हैं। लेकिन यहां पर प्राचार्य आरडी मित्तल ने एक नई पहल की शुरुआत की है। उन्होंने लॉटरी सिस्टम के तहत 43 शिक्षकों में से प्रतिदिन एक शिक्षक को प्राचार्य बनाए जाने की व्यवस्था शुरू की है।
लॉटरी सिस्टम से निकाली जाती है पर्ची
प्राचार्य आरडी मित्तल ने बताया कि कई बार निर्देशित किए जाने के बाद शिक्षकों को यह लगता था कि उनके ऊपर आदेश थोपा जा रहा है, जिससे वह पूरे मनोयोग से नहीं पढ़ा पाते। ऐसे में उनका मनोबल भी गिरता था। इसे लेकर उन्होंने शिक्षकों को भी प्राचार्य के कार्य का अनुभव कराने के लिए एक दिन का प्रिंसिपल बनाने की व्यवस्था शुरू की है। यहां सभी शिक्षकों के नाम की पर्चियां एक बॉक्स में डाली जाती हैं और छात्रों से एक पर्ची निकलवाई जाती है। जिसके नाम की पर्ची निकलेगी वहीं उस दिन का प्रिंसिपल रहेगा और वह प्रिंसिपल का कार्य संपादित करेगा, जबकि प्रिंसिपल आम शिक्षक की तरह क्लास लेगा।
एक दिन के प्रिंसिपल बने रामनिवास शर्मा ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा
योजना के पहले दिन लॉटरी सिस्टम से पर्ची निकाली गई तो शिक्षक रामनिवास शर्मा को प्रिंसिपल बनने का मौका मिला। उन्हें जब निर्देश देने के लिए बोला गया तो वह घबरा गए। ऐसे में पहला निर्देश उन्होंने प्रिंसिपल को ही दिया कि वह प्राचार्य का कार्य करने में उनका सहयोग करते हुए क्लास लेने के लिए शिक्षकों का रोस्टर तैयार करें। जिसका पालन भी किया गया। रामनिवास शर्मा ने प्रिंसिपल ऑफिस में बैठकर और स्कूल में घूम कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जबकि वास्तविक प्राचार्य आरडी मित्तल ने रामनिवास शर्मा के निर्देश पर भूगोल विषय की क्लास ली।
विज्ञान के जादू से कराया जा रहा परिचित
इसके साथ ही इस स्कूल में बच्चों को विज्ञान के चमत्कार से भी अवगत कराया जा रहा है। यहां पर बताया जा रहा है कि किस प्रकार से विज्ञान के चमत्कारों का लाभ उठाते हुए कई लोग समाज में अंधविश्वास को बढ़ाते हैं। जैसे एक केमिकल से अगर लिखाई की जाती है तो वह कागज पर दिखाई नहीं देती, लेकिन जैसे ही उस पर पानी का छिड़काव किया जाता है तो वह दिखने लगती है।
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इसी प्रकार से पानी में भी किस प्रकार से कोई चीज जल सकती है उसका भी प्रयोग बच्चों को दिखाया गया। साथ ही खेल खेल में बच्चों को पढ़ाने की कोशिश की जा रही है। बच्चे भी प्रिंसिपल की अभिनव पहल देखकर खुश हैं और उनका कहना है कि इससे पढ़ाई में भी काफी सहयोग मिल रहा है।
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