एनके भटेले, भिंड। भले ही प्रदेश सरकार राज्य के अंतिम छोर के व्यक्ति तक विकास और योजनाओं का लाभ पहुंचाने की बात करती हो, लेकिन भिण्ड जिले में ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं। एक बीमार बुजुर्ग को अस्पताल ले जाने के लिए जब एंबुलेंस नसीब नहीं हुई तो परिजन मजबूरन उसे हाथठेले पर रखकर अस्पताल लेकर पहुंचे। जिसका वीडियो भी सामने आया है।।

पूरा मामला दबोह क्षेत्र के अमाहा पंचायत का है। ग्राम पंचायत के मारपुरा के रहने वाले मजदूर हरि सिंह के बुजुर्ग पिता की तबियत अचानक बिगड़ गई। परिजन ने कई बार 108 एम्बुलेंस को कॉल किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं किया गया, ऐसे में पिता की बिगड़ती हालत को देखते हुए हरि सिंह पिता को हाथठेला पर लिटाकर 5 किलोमीटर दूर स्थित दबोह अस्पताल लेकर पहुंचा, और भर्ती कराया।

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इस मामले में पीड़ित का कहना है कि शासन ने इमरजेंसी के लिए 108 एम्बुलेंस का प्रचार तो किया है, लेकिन कई बार कॉल करने के बाद भी किसी ने फोन नहीं उठाया। ऐसे में उसके पास ठेले पर ले के जाने के सिवा और कोई साधन नहीं था। क्योंकि वह मेहनत मजदूरी करता है। उसके पास इतना पैसा नहीं था कि प्राइवेट वाहन कर पिता को अस्पताल तक जा सके।

बता दें कि एम्बुलेंस को लेकर लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है। भिंड जिले में कई बार इस तरह की स्थितियां देखने को मिली। बीते एक माह के अंदर ही ये तीसरी घटना सामने आई है। इससे पहले लहार में एम्बुलेंस के समय पर ना पहुंचने से निजी वाहन से पहुंची प्रसूता का प्रसव अस्पताल के बाहर ही हो गया था। इस घटना में महिला और एक नवजात की मौत हो गई थी। वहीं 5 अगस्त को भी जिला अस्पताल में भी इसी तरह की घटना देखने को मिली थी। कीरतपुरा से एम्बुलेंस न मिलने पर प्राइवेट वाहन से पहुंची गर्भवती का प्रसव भी अस्पताल के गेट पर हो गया था। लेकिन आज तक इन मामलों में कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है।

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