एनके भटेले, भिण्ड। मध्यप्रदेश के भिण्ड नगर पालिका के साथ नागरिक सरकारी बैंक के नाम पर धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। जहां एक ठेकेदार फर्म ने नगर पालिका द्वारा जारी टेंडर मिलने पर धरोहर राशि के नाम पर फर्जी एफडीआर तैयार कर जमा कराई गई है। इसका खुलासा तीन साल बाद हुआ है जब काम नहीं कराने को लेकर धरोहर राशि की एफडीआर राजसात करने के लिए बैंक पहुंचाई गई। जहां 6 एफडीआर फर्जी पाई गई है। भिण्ड कलेक्टर ने मामले में संबंधित ठेकेदार पर FIR कराने के निर्देश जारी किए हैं।
जानकारी के मुताबिक भिण्ड नगर पालिका ने पिछले साल वार्ड 31 में नवीन सामुदायिक भवन, शौचालय और हैंडपंप खनन निर्माण के लिए टेंडर जारी किया था। जो भिण्ड के ही ठेकेदार अजीत सिंह भदौरिया की फर्म तिरूपति एसोसिएट को मिला था। कार्य आदेश 11 जून 2021 को जारी कर दिए गए थे। टेंडर के लिए धरोहर राशि के रूप में ठेकेदार ने नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित में दो एफडीआर पहली 124000 रुपये और दूसरी 390000 रुपये जमा कराई गई थी। ये निर्माण कार्य 6 महीने में पूर्ण किया जाना था, लेकिन करीब एक साल से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया।
नगर पालिका उपाध्यक्ष भानू भदौरिया के मुताबिक तिरूपति एसोसिएट ने जब एक साल में भी कार्य नहीं किया तो उनसे पूर्व में काम को पूरा कराने के लिए नगर पालिका ने नोटिस भी जारी किया था, लेकिन जब इनका जवाब नहीं दिया गया तो आखिर में 19 सितंबर 2022 को हुई नगर पालिका परिषद की पीआईसी की बैठक में इस कार्य आदेश को निरस्त कर दिया गया।
इसके बाद ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए नियमानुसार धरोहर राशि को राजसात करते हुए नगर पालिका के खाते में ट्रांसफर कराने के लिए जब जमा एफडीआर को नागरिक सहकारी बैंक में पत्राचार के साथ भेजा गया तो बैंक की ओर से बताया गया कि दोनों ही एफडीआर उनके बैंक की तरफ से जारी नहीं हुई और ये फर्जी हैं। ठेका फर्म का नगर पालिका प्रशासन के साथ धरोहर राशि के नाम पर बैंक फ्रॉड सामने आने से हड़कंप मच गया। ऐसे में आनन फानन में संबंधित ठेकेदार ने अन्य कार्यों में जमा की गई 5 और एफडीआर नागरिक सहकारी बैंक के पास सत्यापन के लिए भेजी। जिनमें एक ही एफडीआर जारी होने की पुष्टि की गई अन्य सभी एफडीआर भी पहले की तरह फर्जी बताई गई।
एफडीआर सत्यापन के बाद से ही नगर पालिका प्रशासन के अधिकारियों की नींदे उड़ी हुई हैं। हालांकि इस मामले को लेकर नगर पालिका की ओर से बैंक अधिकारियों को बैंक के नाम पर की गई धोखाधड़ी से अवगत कराते हुए बैंक अधिनियम के तहत ठेकेदार पर आवश्यक कार्रवाई कराने के लिए पत्र लिखा गया है।
वहीं मामले का खुलासा होने पर जब नागरिक सहकारी बैंक के मैनेजर संजीव कुमार सोनी से जानकारी ली तो उनका कहना था कि ये दस्तावेज बैंक ने जारी नहीं किए हैं। बैंक के नाम पर नकली एफडीआर तैयार कर सरकारी टेंडर लेने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई के संबंध में पल्ला झाड़ते हुए बैंक मैनेजर ने बात टाल दी।
इधर सहकारिता विभाग के प्रशासक कमल गाडगे ने कहा कि जल्द मामले में कार्रवाई के लिए संबंधित सहकारी बैंक अधिकारियों को निर्देश जारी किया जाएगा। हालांकि मामला सामने आने के बाद भिण्ड कलेक्टर ने नगर पालिका सीएमओ को जल्द से जल्द ठेकेदार के खिलाफ नियमानुसार दंडात्मक और एफआईआर की कार्रवाई कराने और सूचित करने का निर्देश जारी किया हैं। ऐसे मे प्रशासन की ओर से कार्रवाई की उम्मीद नजर आ रही है, लेकिन बैंक अब तक चुप्पी साधे हुए है।
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