शब्बीर अहमद, भोपाल। राजधानी भोपाल के इंटरनेशनल बिलाबोंग स्कूल रेप केस में बड़ा खुलासा हुआ है। रेपिस्ट बस ड्राइवर हनुमंत जाटव ने स्कूल की 2 अन्य बच्चियों के साथ भी गलत काम किया था। परिजनों ने बच्चों के साथ घटना होने की जानकारी दी थी, उसे भी जांच में शामिल किया गया था। फॉरेंसिक इन्वेस्टिगेशन पर इस घटना को भी विशेष ध्यान दिया गया। डीएनए रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
आरोपी ड्राइवर को आजीवन कारावास
बिलाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल बस में बच्ची से दुष्कर्म मामले में सजा का ऐलान हो गया है। मुख्य आरोपी हनुमत जाटव को आजीवन कारावास और केयर टेकर उर्मिला साहू को 20 साल की सजा हुई है। जिला कोर्ट में स्पेशल जज शैलजा गुप्ता ने यह फैसला सुनाया है।
बता दें कि बीते 8 सितंबर को साढ़े तीन साल की मासूम के साथ बस में दरिंदगी हुई थी। बिलाबोंग स्कूल के बस ड्राइवर ने वारदात को अंजाम दिया है। मामले में पुलिस ने ड्राइवर को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध कायम किया था। वारदात के दौरान बस में सहायिका और दो बच्चियां भी मौजूद थी। वारदात की जानकारी होने के बाद भी सहायिका ने मामले को छुपाये रखा। घटना छुपाने को लेकर पुलिस ने रेप कांड में सहायिका को सहआरोपी बनाया था। इस मामले में पुलिस ने 20 दिन में चालान पेश किया था। पुलिस ने कोर्ट में 242 पेज की चार्जशीट पेश की थी। इसमें 32 लोगों को गवाह बनाया गया। कोर्ट ने आरोपी ड्राइवर हनुमंत जाटव और सहयोगी महिला उर्मिला साहू को दोषी करार दिया था।
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