अजय शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश में वकीलों (lawyers) और हाईकोर्ट (High Court) के बीच गतिरोध बढ़ गया है। दरअसल, उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी बार एसोसिएशन झुकने को तैयार नहीं है। भोपाल बार एसोसिएशन (Bhopal Bar Association) के अध्यक्ष पीसी कोठारी (PC Kothari) की अदालत को दो टूक, कहा कि हम अवमानना की कार्यवाही के लिए तैयार है, आप चाहे तो जेल भेज दो हम जेल भर देंगे।
भोपाल जिला अदालत में जिला बार एसोसिएशन ने बैठक की। चीफ जस्टिस के आदेश के विरोध में भोपाल जिला अभिभाषक संघ द्वारा बुलाये गए महासम्मेलन में 23 जिलों से आये अध्यक्ष और सचिवों ने एक राय में बोला कि जब तक चीफ जस्टिस अपना आदेश वापस नहीं लेते है तब तक मध्यप्रदेश के सभी अधिवक्ता न्यायलयीन कार्य से विरत रहेंगे। चाहे हमे जेल ही क्यों न जाना पड़े।
दरअसल, पिछले कई दिनों से वकीलों की हड़ताल चल रही है, अदालतों में कामकाज ठप पड़ा है। MP के 92 हजार वकील हड़ताल के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं। प्रदेशभर के वकीलों की कलम बंद हड़ताल 23 मार्च से चल रही है। प्रकरण निराकरण की नई योजना के विरोध में वकीलों की हड़ताल जारी है।
बता दें कि कल एमपी हाईकोर्ट जबलुपर (Madhya Pradesh High Court) ने बार एसोसिएशन को फटकार लगाई थी। उच्च न्यायालय ने फरमान जारी करते हुए वकीलों को तत्काल काम पर लौटने को कहा था। हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि वकील तत्काल काम पर लौटें या अवमानना की कार्रवाई को तैयार रहें।
चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने 10 पृष्ठीय विस्तृत आदेश में स्पष्टतौर पर कहा कि यदि इसका पालन नहीं हुआ तो इसे अवज्ञा माना जाएगा और उनके विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।