भोपाल। राजधानी भोपाल में स्थित सतपुड़ा भवन अग्निकांड मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई है। बिजली के लूज कनेक्शन की वजह से आग लगी थी। आर्थिंग की व्यवस्था भी नहीं थी। ये खुलासा जांच टीम की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक लकड़ी के फ्रेम पर AC का पावर सिस्टम लगाया गया था। स्पार्किंग से निकली चिंगारी से फर्नीचर में आग पकड़ी और विकराल रूप धारण कर लिया। रिपोर्ट के आधार पर अब जिम्मेदारों पर गाज गिरेगी।

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दरअसल, 12 जून को शाम 4 बजे सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल में स्थित टीएडीपी के सहायक आयुक्त वीरेंद्र सिंह के ऑफिस में आग लगी थी। इस घटना में कई फाइलें और फर्नीचर जलकर राक हो गए थे। साथ ही बिल्डिंग को भी नुकसान पहुंचा है। सीएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई थी। सोमवार को कमेटी के अध्यक्ष एसीएस होम राजेश राजौरा ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दिया है। कमेटी ने 3 स्थानों के निरीक्षण, 32 लोगों के बयान, राज्य स्तरीय फ़ोरेंसिक साइंस लैब सागर की जांच रिपोर्ट और चीफ इलेक्ट्रिसिटी इन्स्पेक्टर के तकनीकी प्रतिवेदन के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में नुक़सान के आंकलन के लिए बनी PWD की 2 उप समितियों के प्रतिवेदन को भी शामिल किया गया है। कुल 287 पन्नों की जाँच रिपोर्ट शासन को दी गई है।

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जांच समिति ने बताया कि आग भवन की तीसरी मंजिल में स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग के संचालक वीरेंद्र सिंह के कक्ष में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। जो फैलते-फैलते छांठवी मंजिल तक पहुंच गई थी। जांच दल ने बताया कि सिस्टम में अर्थ फॉल्ट के प्रोटेक्शन के लिए कहीं भी व्यवस्था नहीं की गई थी। साथ ही लकड़ी के फ्रेम पर AC का पावर सिस्टम लगाया गया था। स्पार्किंग से निकली चिंगारी से सोफे में आग लगी।

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