अजय शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश में छात्रवृत्ति मामले में अफसरों की बड़ी और गंभीर लापरवाही सामने आई है। इस लापरवाही का खामियाजा छात्रा-छात्राओं को भुगतना पड़ा। लापरवाही के चलते लगभग 5 लाख 23 हजार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति की राशि उनके खातों में नहीं पहुंची। बताया जाता है कि बैंक खाता अपडेट नहीं होने के कारण ऐसा हुआ है। अभी तक इस मामले में किसी भी अधिकारी की जिम्मेदारी तय नहीं हुई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि किसकी लापरवाही से ऐसा हुआ है।

जानकारी के अनुसार मामला अनुसूचित जाति जनजाति प्री मैट्रिक पोस्ट मैट्रिक के छात्रों की छात्रवृत्ति योजनाओं के क्रियान्वयन का है। बताया जाता है कि सिर्फ 14 हजार छात्रों के ही खाते अपडेट कर पाए अफसर, जिसके चलते शेष के खाते में छात्रवृत्ति की रकम नहीं पहुंची है। बैंक खाते सही नहीं होने और अपडेट नहीं होने के चलते सरकारी खजाने में छात्रवृत्ति की रकम वापस लौट गई है। बैंक खातों के अपडेटेशन से जुड़े मामलों में अफसरों ने लापरवाही बरती है। लोक शिक्षण संचनालय ने हर संभाग की सूची जारी कर बताया कि कहां कितने छात्रों को छात्रवृत्ति मिली है। लगभग एक हजार से ज्यादा प्रकरण सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के रूप में रजिस्टर्ड हुई है। इसके बाद अफसरों ने गलती सुधारने में तत्परता नहीं दिखाई।

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