शिखिल ब्यौहार, भोपाल। कर्नाटक में मंदिरों की टैक्स वसूली के मामले को लेकर मध्यप्रदेश का सियासी पारा चढ़ने लगा है। मामले को लेकर बीजेपी ने कर्नाटक सरकार पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगाया। सवाल उठाया कि मंदिरों से टैक्स वसूली तो मस्जिदों और चर्च से क्यों नहीं। उधर, एमपी कांग्रेस ने कर्नाटक सरकार के निर्णय का समर्थन किया। बता दें कि कर्नाटक की सत्ता कांग्रेस के हाथ में है।
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बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता सतेंद्र जैन ने कहा कि कांग्रेस के निशाने पर हमेशा से ही सनातन धर्म रहा है। कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति के साथ वोटों को ध्रुवीकरण के लिए इस तरीके के षड्यंत्रकारी हथकंडे अपनाती है। यही कारण है कि सिर्फ मंदिरों पर टैक्स वसूली कर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार अपनी जेब भरना चाहती है। इटली की कांग्रेस का यह फरमान न सिर्फ बेहद निंदनीय है बल्कि देश के करोड़ों सनातनियों का भी घोर अपमान है। नेहरू कांग्रेस ने हिंदू बिल कोड लागू कर सनातन का अपमान किया था।
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राम को काल्पनिक बताने वालों से क्या उम्मीद
मामले को लेकर बीजेपी नेताओं से लेकर कई हिंदू संगठनों ने विरोध दर्ज कराया। बीजेपी नेता दुर्गेश केसवानी ने कहा कि इसी कांग्रेस ने राम को काल्पनिक बताया था। राम मंदिर का हर दम विरोध किया। पाकिस्तानी परस्ती के बयान कांग्रेसी नेताओं के जुबान से निकले। कर्नाटक में कांग्रेस नेता और एमएलसी बीके हरिप्रसाद ने गोधरा कांड को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया भारत के ‘हिंदू राष्ट्र’ बनने की तुलना अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे हालातों से की थी। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ एक धर्म विशेष की हमदर्द कांग्रेस ने अपनी आंखों पर हरी पट्टी बांध रखी है। जो बचा वो मिशनरी के लिए है।
एमपी कांग्रेस ने मंदिरों से टैक्स वसूली पर किया समर्थन
मामले पर कांग्रेस ने कर्नाटक सरकार का समर्थन किया। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा कि सरकार टैक्स से मंदिरों का ही जीणोद्धार करेगी। तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा पर कर्नाटक सरकार काम कर रही है। मंदिरों से टैक्स वसूली पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।