शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की जेल के अंदर मारपीट के बाद विचाराधीन कैदी की संदिग्ध मौत के मामले में कोर्ट ने 9 साल बाद बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने जेलर, टीआई और झूठी रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टर पर एफआईआर के निर्देश दिए हैं। मृतक मोहसिन की मां ने कोर्ट ने प्राइवेट कंप्लेंट दर्ज की थी। न्यायाधीश वीरेंद्र यादव ने इस मामले में जांच की थी। जिसके बाद जज मनीष मिश्रा ने टीआई मनीष राज सिंह भदोरिया, जेलर आलोक बाजपेई, क्राइम ब्रांच के पांच कांस्टेबल पर FIR के आदेश दिए हैं।

न्यायिक अभिरक्षा में हुई थी मौत

दरअसल पूरा मामला साल 2015 का है जहां मोहसिन को लूट के मामले में क्राइम ब्रांच के पांच आरक्षकों ने उठाया था जिसके बाद उसे जेल भेज दिया था। कस्टडी के दौरान उसके साथ मारपीट की गई थी। पुलिस कर्मियों ने उसे इतनी बेरहमी से मारा था कि उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। 

हमीदिया के डॉक्टर ने गलत रिपोर्ट बनाकर मोहसिन को मानसिक रोगी बताया

आरोप है कि हमीदिया अस्पताल के डॉक्टर ने गलत रिपोर्ट बनाकर मृतक मोहसिन को मानसिक रोगी बताया था। मानसिक रोगी बताए जाने के बाद ग्वालियर के जेएएच अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था जहां इलाजे के दौरान उसकी मौत हो गई थी। वहीं परिजन ने झूठे मामले में उठाने का आरोप लगाया था और FIR कर जेल भेजा गया था। मोहसिन की मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि क्राइम ब्रांच और TT नगर थाने में उसके साथ मारपीट हुई थी। जेल में भी मोहसिन से जेलर ने मारपीट की थी। 

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m