अजय शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा घर बैठे शिकायत निवारण के लिए शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) सेवा हेल्पलेस साबित हो रही है. अधिकारियों की लापरवाही के कारण समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है. आलम यह है कि विगत पांच साल की 3299 शिकायतें पेंडिंग है. इन शिकायतों का निराकरण विगत 5 सालों में भी नहीं हो पाया है. सीएम हेल्पलाइन के डायरेक्टर ने नोटिस जारी कर सभी विभागों को निराकरण करने के निर्देश दिए हैं.
हेल्पलाइन के डायरेक्टर ने पांच साल से पेंडिंग शिकायतों का पुलिंदा सभी विभागों को भेजा है. 5 सालों में कुल 3299 शिकायतें पेंडिंग है. सीएम हेल्पलाइन के डायरेक्टर ने सभी विभागों की पेंडेंसी बताई है. राजस्व विभाग की सबसे ज्यादा 1062 शिकायतें पेंडिंग है. वहीं स्कूली शिक्षा विभाग की 700 से अधिक और कृषि विभाग की 300 से ज्यादा शिकायतें लंबित है. सीएम शिवराज सिंह की प्राथमिकता वाले विभागों में ही सबसे ज्यादा शिकायतें पेंडिंग में है, जबकि पिछली बैठक में सीएम शिवराज सिंह ने शिकायतों का निराकरण नहीं करने पर नाराजगी जताई थी.
इन जिलों में सबसे ज्यादा पेंडिंग शिकायतें
लंबित शिकायतों के मामले में ग्वालियर जिला सबसे अव्वल है. ग्वालियर जिले में 373, भोपाल में 302, मुरैना में 204 शिकायतें पेंडिंग में है. वहीं 100 से ज्यादा पेंडिंग शिकायतों वाले जिले में सीधी, बैतूल, सतना और भिंड शामिल हैं. इससे साफ होता है. पेंडिंग शिकायतों का अंबार लगा हुआ है, लेकिन जिम्मेदार निराकरण नहीं कर रहे हैं. सीएम हेल्पलाइन के डायरेक्टर ने सभी लापरवाह विभागों को नोटिस थमाया है.
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