राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने युवा संवाद के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को संबोधित किया हैं और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े उनके सवालों का जवाब भी दिया। यह कार्यक्रम भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में हुआ। संवाद कार्यक्रम में 16 लाख से ज्यादा युवा वर्चुअली जुड़ें। 25 हजार से अधिक विद्यार्थी सीएम से सीधा संवाद किए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने डिजी लॉकर का भी शुभारंभ किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के सभी बेटे-बेटियों में खूब टैलेंट है। कोई कमजोर नहीं है। किसी भी सफलता के लिए जरूरी है कि आप खुद पर भरोसा करते है या नहीं? सीएम ने युवाओं से कहा कि आप लोगों में अनंत शक्तियों का भंडार है। बस आत्म विश्वास होना चाहिए।
सीएम ने कहा कि इस साल से रामायण को भी कोर्स में शामिल किया गया है। कॉलेज में सेकंड ईयर में भगवत गीता भी पढ़ाई जाएगी. उच्च शिक्षा विभाग की ये अच्छी पहल है। वहीं स्वच्छता को लेकर सीएम ने कहा कि हर एक के मन में यह भाव होना चाहिए कि उनका शहर स्वच्छ रहे। जनभागीदारी से ही हर शहर को स्वच्छ बनाना है. हमें दुनिया में भारत की अलग छवि चमकानी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवाद के दौरान बच्चों को योग के गुण भी बताए। ओम का उच्चारण किया। मंच पर ही सीएम ने प्रणायाम के कुछ आसान किए। सीएम शिवराज ने कहा मुझे 24 घंटे में से 18 घंटे काम करने में कोई तकलीफ नहीं होती, मैं आसानी से कर लेता हूं।नियमित दिनचर्या अपनाने से बहुत लाभ होता है।
छात्रों ने सीएम ने किया सवाल
छतरपुर की खुशी ने सीएम से सवाल पूछा कि बहुत से छात्र- छात्राएं एमबीए करना चाहते हैं, गरीब छात्रों के लिए शासन की क्या योजनाएं हैं?
इस पर सीएम ने कहा कि कोई भी छात्र पैसों की कमी के कारण पढ़ाई से वंचित नही रहेगा। मुझे ये कहते हुए खुशी है कि पहले हमने निशुल्क किताब और साइकलें बांटी।
हमने लैपटॉप देने की भी योजना बनाई, गांव की बेटी योजना का 1 लाख 75 हज़ार बेटियों ने इसका लाभ उठाया। सीएम ने कहा कि दो योजना हमने बनाई है मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना- जिससे छात्र बड़े विश्वविद्यालय में जा सकेंगे। दूसरी संबल योजना के तहत निर्धन छात्रों की हम फीस भरते हैं। सीएम ने कहा कि आईआईटी जैसे संस्थानों में 237 करोड़ की फ़ीस हमने भरवाने का इंतज़ाम किया है. सीएम ने कहा कि आप पढ़ाई की चिंता करें, फीस की चिंता मामा देख लेंगे।
वहीं उमरिया की छात्रा ने सीएम से सवाल किया कि हम नौकरी करना चाहते हैं, स्वरोजगार के लिए शासन की क्या योजना है?
इस सवाल का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि कल ही हमने उद्यम क्रांति योजना लांच की है. इसके तहत युवाओं को स्वरोजगार के लिए 50 लाख तक का लोन दिया जाएगा। हमने तय किया है कि सात साल तक इंट्रेस्ट सब्सिडी सरकार ही भरेगी। इसके साथ ही हर महीने एक दिन हम रोजगार दिवस मनाते हैं। अलग-अलग योजनाओं के तहत बच्चों को लोन मिले इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं।सीएम ने कहा कि मैं चाहता हूं कि प्रदेश के बच्चे रोजगार लेने वाले नहीं देने वाले बनें। सीएम ने कहा कि हम ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं, ऐसी ट्रेनिंग देंगे कि कहीं भी छात्रों को आसानी से प्लेसमेंट मिल जाए।
रीवा की अंजली का सवाल- मैं संगीत में पढ़ाई कर रही हूं, मेरा राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में चयन हुआ था अन्य छात्रों से हमारा भेदभाव कब खत्म होगा?
सीएम का जवाब- मेरे पिताजी मुझे डॉक्टर बनाना चाहते थे। मैं पढ़ाई में ठीक-ठाक था, मैं आपातकाल में जेल चला गया था।
मैंने पापा से कहा- कि मुझे अन्याय के खिलाफ लड़ना है। गांव वालों ने पिताजी से कहा कि आपका लड़का बिगड़ गया है।
थक हार के पिताजी ने कहा जो करना है करो और अब मैं आप सबके सामने हूं। सीएम ने कहा कि माता-पिता अपनी अपेक्षाएं बच्चों पर ना लादे। लड़का-लड़की में भेदभाव ना करें। सीएम ने कहा कि यही भेदभाव मिटाने के लिए मैंने मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई।
ग्वालीयर जीवाजी विश्वविद्यालय की छात्रा आस्था तोमर ने किया सवाल- विद्यार्थियों को सामाजिक सरोकार से जोड़ते हुए लोगों के हित में कैसे कार्य कर सकते हैं?
मुख्यमंत्री का जबाब- एक गाना याद आता है खुद के लिए जिए तो क्या जिए, आस्था के सवाल में भी आस्था भरी है, वसुदेव कुटुम्बकम की सोच बनानी होगी, कुछ न कुछ काम जरूर करें। NCC, NSS इसी क्षेत्र में काम कर रही है। मैं भी वृक्षारोपण का काम कर रहा हूं।
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