शब्बीर अहमद, भोपाल। 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए आसान नहीं है। सदस्यता अभियान में मध्यप्रदेश कांग्रेस फिसड्डी साबित हुई है। नेताओं ने 50 लाख सदस्य बनाने का दावा किया था, लेकिन अब तक पीसीसी के पास जो डाटा पहुंचा है वो लक्ष्य से आधा है यानी सिर्फ 25 लाख सदस्य बने हैं।

दरअसल, कांग्रेस ने 1 नवंबर से देशभर में सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी। इसके तहत मध्यप्रदेश में भी बड़े पैमाने पर पार्टी ने सदस्यता अभियान चलाया था और नेताओं ने दावा किया था कि 50 लाख सदस्य बनाए जाएंगे, लेकिन सदस्यता अभियान खत्म होने के करीब 1 सप्ताह बाद तक भी पार्टी के पास सिर्फ 25 लाख सदस्यों का डाटा ही पहुंचा है। यानी कि कांग्रेस सदस्यता अभियान में अपने ही लक्ष्य से पिछड़ती हुई नजर आ रही है। हालांकि कांग्रेस नेता अभियान को पूरी तरह सफल बता रहे हैं। उनका दावा है कि पिछले साल से दोगुना सदस्य कांग्रेस ने बनाए हैं। पार्टी ये भी दावा कर रही है कि अभी कई जिलों से डाटा आना बाकी है, यह डेटा आने के बाद सदस्यों की संख्या बढ़ जाएगी।

कांग्रेस के साथ सदस्यता अभियान में पिछड़ने पर बीजेपी को विपक्ष पर हमला करने का मौका मिल गया है। बीजेपी का कहना है कि कोई भी कांग्रेस पार्टी का सदस्य नहीं बनना चाहता। कांग्रेस को कार्यकर्ता ही नहीं मिल रहे हैं। पूरे प्रदेश में कांग्रेस को 50 सक्रिय कार्यकर्ता भी नहीं मिलेंगे।

बता दें कि सदस्यता अभियान को लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कई बार मीटिंग की। नेताओं को चेतावनी भी दी, लेकिन उसके बावजूद भी कांग्रेस लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंच पाई। ऐसे में यह कहना गतल नहीं होगा कि 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए आसान नहीं है।

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