भोपाल। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आज बजट (Budget) पेश किया है। बजट में सरकार ने किसानों, हेल्थ सेक्टर और खासकर सैलरी क्लास को बड़ी राहत दी है। सत्ता पक्ष जहां इसे जनता के हित में बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे जुमला बता रहा है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने बजट की तारीफ करते हुए वित्त मंत्री को शुभकामनाएं दी है। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली भारत के निर्माण का महायज्ञ चल रहा है। गरीब कल्याण संकल्प उसके लिए भी अनेकों कार्यक्रम चल रहे हैं। ये बजट देश को और आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
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कमलनाथ ने बजट को बताया जुमला
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा कि वित्त मंत्री का बजट भाषण सरकार के पुराने वादों पर जुमलो का पर्दा डालने का प्रयास नजर आया। हमें आशा थी कि वित्त मंत्री उन घोषणाओं पर प्रकाश डालेंगी, जो 2022 में पूरी होनी थी। 2022 में किसानों की आमदनी दुगनी होनी थी। 2022 में हर गरीब को आवास उपलब्ध होना था। 2022 में देश में बुलेट ट्रेन चलनी थी। लेकिन वित्त मंत्री ने इन घोषणाओं के पूरे ना होने की ना तो कोई वजह बताई और ना ही देश की जनता से माफी मांगी। स्पष्ट है कि सरकार भविष्य के खोखले सपने दिखाकर वर्तमान की जटिल परिस्थितियों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है। यह प्रवृत्ति देश और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी नहीं है।
किसान, युवा, मध्यमवर्ग को गुमराह करने की कोशिश
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि बजट में गरीब वर्ग के लिए कुछ नहीं है। बजट में सिर्फ मध्यमवर्ग को टैक्स में राहत दी गई है। किसान, युवा, मध्यमवर्ग को सिर्फ गुमराह करने का काम किया गया है।
वहीं केंद्रीय बजट को कमलनाथ द्वारा जुमला बताने पर मध्य प्रदेश के राज्य मंत्री OPS भदोरिया ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ आलोचना करना जानती है। कांग्रेस सिर्फ विरोध करना जानती है। इतना सकारात्मक बजट आज तक कभी नहीं आया। कांग्रेस जब सत्ता में रही तब उसने किसानों के बारे में गरीब कल्याण के बारे में कुछ नहीं सोचा। कांग्रेस शासनकाल में किसान खस्ताहाल हो गया गया था, भुखमरी की स्तिथि में था। आज हमारी केंद्र और प्रदेश की सरकार कई हजार करोड़ रुपए किसानों के खातों में डालने का काम कर रही है। इसके बावजूद केंद्रीय बजट में इतना महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए करोड़ों रुपए का प्रावधान किसानों के लिए किया गया। कृषि के प्रोत्साहन और किसानों की मदद के लिए प्रावधान किया गया है। यह साबित करता है यह बजट सिर्फ दिखावा नहीं है। देश के प्रधानमंत्री कृषि पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। बजट के जरिए देश के प्रधानमंत्री ने जो कदम उठाए हैं वह आने वाले वक्त में सकारात्मक रूप से नजर भी आएंगे। बजट अभूतपूर्व है, ऐतिहासिक है।
वहीं मध्यप्रदेश के एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया वो ऐतिहासिक है। सभी विभागों को कुछ ना कुछ देने की कोशिश की गई है। एमएसएमई विभाग अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी है ये बात खुद वित्त मंत्री ने कही। उन्होंने कहा कि अगले 2 महीने में 5 हजार उद्योग प्रदेश में लगाया जाएगा। उम्मीद है कि अगले 1 साल में प्रदेश में कोई बेरोजगार नहीं रहेगा। कमलनाथ के पर ओमप्रकाश सकलेचा ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ की उम्र के साथ याददाश्त कमजोर हो गई है। प्रधानमंत्री ने हर गरीब को 2024 तक घर देने का वादा किया है।
विशेषज्ञों ने बताया अच्छा बजट
वहीं विशेषज्ञों ने भी बजट को अच्छा बजट बताया है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने सभी वर्गों को कुछ ना कुछ देने की कोशिश की है। इनकम टैक्स में 5 से 7 लाख छूट देकर बड़ी राहत दी गई है। महिलाओं को भी इस बजट पर बहुत कुछ मिला है। किसानों का भी बजट में पूरा ध्यान रखा गया है। MSME सेक्टर में सरकार ने जो दिया वो भविष्य के लिए अच्छा होगा।युवाओं को इससे काफी फायदा मिलेगा। देश में रोजगार बढ़ता हुआ दिखाई देगा। हालांकि विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि सरकार को निशुल्क अनाज की योजना को जारी नहीं रखनी थी। कोविड के समय निशुल्क योजना जरूरी थी, लेकिन अब नहीं।
उद्योगपति खुश, वकील नाराज
उद्योगपति और आम लोग भी बजट से खुश है। इंदौर के चार्टर्ड अकाउंटेंट बजट को लेकर कहा कि इस बार सरकार ने कोई नया टैक्स नहीं लगाया है। टैक्स स्लैब में भी छूट दी है। इस बजट से उद्योगपति भी खुश है। इधर, आम बजट पर जबलपुर के अधिवक्ता अभिषेक ध्यानी का कहना है कि टैक्स स्लैब भर बढ़ा देने से बात नहीं बनेगी। आज कुल जीडीपी का 80 प्रतिशत कर्ज है। केन्द्र सरकार 211 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी है। सिर्फ लोक लुभावन बजट है, इससे आम आदमी को फायदा नहीं है। पिछले बजट में उद्योग की 100 ईकाई लगाने की बात कही गई थी जो नहीं किया गया। सिर्फ़ घोषणाओं का बजट है, आज भी लोग महंगाई से लड़ रहे हैं।
सीनियर सिटीजन सरकार के लिए बोझ
वहीं रेल बजट पर जबलपुर के जेसीसीआई मेंबर राधे श्याम अग्रवाल ने कहा कि रेल बजट में आम जनता के लिए कुछ भी नहीं है। सीनियर सिटीजन के लिए भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है। रेल किराया में भी कोई रिबेट नहीं दिया गया। कई ट्रेनों का किराया हवाई जहाज से भी महंगा कर दिया गया है। रेलवे में एमपी, एमएलए के लिए छूट लेकिन, सीनियर सिटीजन के लिए कोई छूट नहीं दी गई है। सीनियर सिटीजन सरकार के लिए बोझ बन गए हैं।
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