शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल (Madhya Pradesh State Bar Council) का प्रतिनिधि मंडल ने आज दिल्ली में सीजेआई (CJI) से मुलाकात की। काउंसिल के 13 सदस्यों ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 3 महीने में 25 केस खत्म करने के आदेश को लेकर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) से मुलाकात की। इस दौरान सदस्यों ने CJI के सामने हाईकोर्ट के आदेश को वापस लेने की मांग रखी।
अधिवक्ता संघ मध्य प्रदेश ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बताया कि बैठक में हमारी सारी समस्याओं को प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य न्याधिपति जस्टिस संजय किशन कौल से अवगत कराया है। वरिष्ठ अधिवक्ता मृगेंद्र सिंह द्वारा साफगोई से अपने चिर परिचित अंदाज में मध्य प्रदेश के मुख्य न्यायधिपति के आदेशों से अवगत कराया और ये आश्वासन प्राप्त किया है कि सारी समस्याएं-25 केसेज का सर्कुलर, जिनमें अवमानन और केसेज का बढ़ना भी शामिल है। आगामी 4 से 5 दिनों में वापिसी के आदेश हो जाएंगे या कोई रास्ता निकलेगा। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तनखा भी शामिल थे।
दरअसल, हाईकोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालयों को 25 चिह्नित मामले 3 महीने में निराकरण के आदेश दिए थे।13 मार्च से प्रदेश के 90 हजार से अधिक वकील हाईकोर्ट के आदेश को तुगलकी फरमान बता कर हड़ताल पर चले गए थे। और किसी भी केस की पैरवी नहीं कर रहे थे। अदालतों में कामकाज ठप पड़ा था। जिसे एमपी हाईकोर्ट जबलुपर (Madhya Pradesh High Court) ने बार एसोसिएशन को फटकार भी लगाई थी। उच्च न्यायालय ने फरमान जारी करते हुए वकीलों को तत्काल काम पर लौटने को कहा था। फिर भी वकील नहीं लौटे थे। वकीलों की हड़ताल पर आज ही हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई थी। स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन और मेंबरों को कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का नोटिस जारी किया था। हालांकि कल वकीलों ने हड़ताल स्थगित कर दी थी। आज सीजेआई ने वार्ता के लिए बुलाया था।
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