शब्बीर अहमद, भोपाल। पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने मध्यप्रदेश (मध्यप्रदेश) में छात्र-छात्राओं को निःशुल्क वितरित होने वाली गणवेश पर सवाल उठाए है। दिग्विजय सिंह ने सरकारी स्कूल में वितरित होने वाली यूनिफार्म में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर इसके जांच की मांग की है। 

शिवराज सरकार के ‘रिपोर्ट कार्ड’ में ये मुद्दे रहेंगे: कांग्रेस ने भाजपा को कागजी सियासत में बताया माहिर, बीजेपी ने पलटवार में कहा- चुनाव में जनता देगी जबाव

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखते हुए कहा कि विगत कुछ वर्षो में मध्यप्रदेश के शासकीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क वितरित होने वाली गणवेश खराब गुणवत्ता के अनेक मामले आये थे, जिस पर शासन ने कोई कार्रवाई नहीं कर गडबडी करने वालों को बढ़ावा दिया है। इसी कड़ी में वेंडरों द्वारा विद्यार्थियों की नाप में गड़बड़ी कर एक नये प्रकार का भ्रष्टाचार किया गया है। 

‘रोड नहीं तो वोट नहीं’: ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव का किया बहिष्कार, गांव के बाहर लगाए बैनर-पोस्टर

दिग्विजय ने कहा प्रदेश भर के गरीब वर्ग के बच्चों को वितरित की जाने वाली यूनिफार्म में उमरिया जिले में किसी विद्यार्थी के नाप में गढ़बड़ी मिली तो किसी को फटी हुई यूनिफार्म प्रदान किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है। शासकीय विद्यालयों के गरीब वर्गों के विद्यार्थियों को वितरित की जाने वाली गणवेश में वेंडरों द्वारा विद्यार्थियों के नाप से छोटी गणवेश वितरित की गई है, जिससे वे गणवेश कुछ माह में ही फटने लगी है। स्कूल जाने वाले बच्चे असहज होकर जग हसाई का पात्र बन रहे है। 

एक्शन मोड में कलेक्टर: गाड़ी रोक कर ग्रामीणों की सुनी फरियाद, रोजगार सहायक पर तत्काल लिया एक्शन

दिग्विजय ने पत्र के माध्यम से कहा कि आप यह अच्छी तरह जानते है कि शहडोल संभाग का उमरिया जिला एक अनुसूचित जनजाति बहुल्य जिला है। जिसमें अधिकांश आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले आदिवासी परिवारों की है। आदिवासी परिवारों के स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ यह सिर्फ भ्रष्टाचार ही नही है बल्कि अत्याचार भी है।

आपसे अनुरोध है कि उमरिया जिले सहित पूरे प्रदेश में करोड़ों रुपये कीमत की वितरित होने वाली गणवेश की उच्च गुणवत्ता से समझौता करने वाले एवं नाप के हिसाब से न देकर छोटी गणवेश देकर भ्रष्टाचार करने वाले वेंडरों ठेकेदारों, दलालों और अधिकारियों के गठजोड़ की राज्य स्तरीय  जांच कराई जाये और दोषी पाये जाने पर एट्रोसिटी एक्ट में प्रकरण दर्ज किया जाये।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus