शब्बीर अहमद, भोपाल। अबतक आपने मिट्टी के चीनी के और प्लास्टिक के कप देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको नारियल से बने हुए कप दिखाते हैं। भोपाल के एक शख्स ने संघर्ष के वक्त वो कर दिखाया जो चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। ज्ञानेश्वर शुक्ला नारियल को आकार देकर कप और चम्मच बनाते हैं। ये कला उन्होंने खुद सीखी है जो अब धीरे-धीरे लोगों को आकर्षित कर रही है।

ज्ञानेश्वर शुक्ला का कहना है कि वो गरीबों की मदद के लिए एक संस्था चलाते हैं। इसके लिए कुछ लोगों से उन्होंने मदद मांगी थी, लेकिन सही जवाब नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने कुछ करने का फैसला लिया। ज्ञानेश्वर इसके जरिए कई मैसेज दे रहे हैं। पर्यावरण और समाजसेवा के साथ-साथ जिस नारियल को हम खराब समझकर फेंक देते है उसको कैसे हम अपने जीवान में इस्तेमाल कर सकते हैं।

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ज्ञानेश्वर शुक्ला मंदिर पर चढ़ने वाले नारियल को पहले कलेक्ट करते है। जिसके बदले वो मंदिर प्रबंधन को पैसे देते है और घर लाकर इस नारियल को काटकर उसे ऐसा आकार देते हैं। जिससे वो कप में तब्दील हो जाता है। उनको एक कप को बनाने में करीब 8 से 9 घंटे लगते है और एक कप की कीमत 200 रुपए है। कप बेचने से जितनी कमाई होती है उससे वे गरीबों की मदद करते हैं।

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