शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली संकट भी गहरा गया है। आलम ये है कि प्रदेश में भयंकर बिजली कटौती की जा रही है। गांवों में 4 से 5 घंटे की अघोषित बिजली कटौती हो रही है। जिससे लोगों में बिजली विभाग पर नाराजगी है। प्रदेश में गहराए बिजली संकट के चलते बिजली कर्मचारियों पर हमले का खतरा बढ़ गया है। यूनाइटेड फोरम ने सरकार से सुरक्षा मांगी है।
बिजली संकट के बीच यूनाइटेड फोरम ने बिजली दफ्तरों पर सुरक्षा बढ़ाने की मांग है। संगठन का कहना है कि अघोषित बिजली कटौती से ग्रामीण अंचलों में काफी आक्रोश है। पिछले 1 महीने में एक दर्जन से ज्यादा हंगामे और हिंसक घटनाएं हुई है। इसलिए बिजली दफ्तरों, सब स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाई जाए।लाइट कटौती से गुस्साए उपभोक्ताओं द्वारा बिजली यंत्रों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है ऑपरेटरों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
संगठन का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती हाहाकार मचा है। बिजली कटौती से नाराज उपभोक्ता बिजली यंत्रों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कर्मचारियों के साथ मारपीट की जा रही है। इसलिए सुरक्षा दी जाए। संगठन ने सुरक्षा नहीं मिलने पर चेतावनी भी दी है।
कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने
इधर, बिजली कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने आ गई है। बीजेपी ने कहा कि बिजली कर्मचारियों की मांग पर विचार किया जाएगा। हालांकि बीजेपी ने बिजली कर्मचारी और ग्रामीणों में विवाद की खबरों को नकार दिया है। बीजेपी ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी विवाद नहीं हुआ है। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली कटौती पर सरकार झूठ बोल रही है। सुरक्षा मांगने से साफ हो गया है कि मध्यप्रदेश में बिजली की भारी किल्लत है।
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