शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना काल के बिजली बिल माफ करने का ऐलान किया है. प्रदेश के 88 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का 6 हजार करोड़ का बकाया बिल माफ किया जाएगा. वहीं सरकार के इस फैसले पर सिसायत भी शुरू हो गई है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जनता परेशान थी, तब कोई राहत नहीं दी गई, अब जब तीसरी लहर समाप्त होने के बाद सरकार की नींद खुली है. सरकार को देरी से निर्णय लेने के लिए जनता से माफी मागना चाहिए.

कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि कोरोना के भीषण संकट काल में सब कुछ बंद था, लॉकडाउन लगा था, व्यापार-व्यवसाय-नौकरी सब बंद था, लोग खाने तक को तरस गये थे लेकिन उस दौरान भी लोगों को हजारों रुपए के बिजली के बिल थमाए गए, उनकी वसूली के लिए उन्हें धमकाया गया. जनता शिवराज सरकार से इन बिलों को माफ करने की गुहार लगाती रही, लेकिन सरकार झूठी घोषणा करती रही. कभी कहती रही माफ होंगे, कभी कहती रही स्थगित होंगे, अपने वादे से सरकार रोज पलटती रही.लाखों लोगों ने परेशान होकर बिल भर दिए, लाखों लोग वसूली की धमकी से परेशान होते रहे, जबकि कई राज्यों ने अपनी प्रदेश की जनता को इस संकट काल में तमाम राहते प्रदान की.जनता पहली लहर से बिल माफ करने की मांग कर रही थी , तीसरी लहर के भी समाप्त होने के बाद आज सरकार की नींद खुली है.

कमलनाथ ने आगे लिखा कि सरकार ने आज कहा है कि इन बिलों की माफी करेंगे, अभी भी यह घोषणा ही है. इसका क्रियान्वयन होगा या शिवराज जी की अन्य घोषणाओं की तरह इसका भी हश्र वही होगा, जो बाकी अन्य घोषणाओं का हुआ है? सरकार इसमें भी वाहवाही लूटने का काम कर रही है, अरे यह तो जनता का हक़ था. सरकार को तो देरी से निर्णय लेने के लिए जनता से माफी मागना चाहिए.

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